एक और 'सर्जिकल स्ट्राइक' करने के लिए पीएम मोदी, अमित शाह को धन्यवाद, PFI बैन पर बार एसोसिएशन
By अनिल शर्मा | Published: September 28, 2022 11:10 AM2022-09-28T11:10:14+5:302022-09-28T11:15:05+5:30
एआईबीए ने अपने 23 सितंबर, 2022 के अनुरोध का जिक्र करते हुए कहा कि वह पीएफआई के गिरफ्तार नेताओं और कैडरों को फिर से चार्जशीट दाखिल करना चाहता है और मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन करना चाहता है
नई दिल्लीः ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने और इसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक "गैरकानूनी संगठन" घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया।
बार एसोसिएशन ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। एसोशिएशन ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता और एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए एक और "सर्जिकल स्ट्राइक" करने के लिए धन्यवाद।
वरिष्ठ अधिवक्ता और अखिल भारतीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने बयान में प्रधान मंत्री और गृह मंत्री से "राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के प्रहरी बने रहने, सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि पीएफआईअपनी आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अलग-अलग नाम और बैनर के तहत फिर से न पनपे।
एआईबीए ने अपने 23 सितंबर, 2022 के अनुरोध को याद किया और बताया कि वह पीएफआई के गिरफ्तार नेताओं और कैडरों को फिर से चार्जशीट दाखिल करना चाहता है और मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन करना चाहता है ताकि त्वरित सुनवाई और फैसला सुनिश्चित किया जा सके।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अग्रवाल ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब "पीएफआई के मुद्दे को उसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएंगे और उन ताकतों को एक उपयुक्त सबक सिखाएंगे जो भारत के आर्थिक, राजनीतिक और औद्योगिक विकास के लिए प्रतिकूल हैं।"
एआईबीए ने अपने इस वक्तव्य में भारत के इतिहास और विकास में इस्लाम के बहुमूल्य योगदान को भी याद किया और बताया कि मुस्लिम और कई मुस्लिम नेता महान देशभक्त बने हुए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वे मुस्लिम भाइयों को इस संदेश से अवगत कराएं ताकि वे समझ सकें कि कैसे उनके बीच गुमराह तत्व पूरे समुदाय को बदनाम करते हैं, हालांकि बुरे तत्व बहुत कम हैं। एआईबीए ने हाल ही में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की थी क्योंकि पूछताछ में ये सामने आया था कि संगठन ने अलगाववादी, विभाजनकारी और आतंकवादी लिंक का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाया था। एआईबीए के प्रेस बयान में कहा गया है कि यह संगठन को जड़ से उखाड़ फेंकने का सही समय है।