'मूर्ति रखने, पूजा होने के बाद भी हमेशा एक मस्जिद रहेगी बाबरी मस्जिद', राम मंदिर भूमि पूजन पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा बयान
By पल्लवी कुमारी | Updated: August 5, 2020 07:25 IST2020-08-05T00:30:15+5:302020-08-05T07:25:16+5:30
Ayodhya Ram Mandir Bhoomi Pujan: अयोध्या में राम मंदिर 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होना तय है। 5 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त है। पीएम मोदी आज अयोध्या पहुंचेंगे।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होने वाला है। पीएम नरेंद्र मोदी भूमि पूजन में शामिल होंगे। इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने एक बड़ा बयान जारी किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद हमेशा एक मस्जिद रहेगी। बोर्ड ने कहा है कि सु्प्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है लेकिन इंसाफ को उन्होंने शर्मिंदा किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बाबरी मस्जिद का अस्तित्व नहीं बदल जाएगा। बोर्ड ने इसे एक राजनीति कहा है।
बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर अपना अधिकारिक बयान जारी किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। मस्जिद में मूर्ति रखने और पूजन होने से उसमें बदलाव नहीं होगा। वली रहमानी ने कहा, लंबे अर्से तक नमाज पर प्रतिबंध लगा देने से मस्जिद का वजूद खत्म नहीं हो जाता है। किसी को भी हताश होने की जरूरत नहीं है। स्थिति हमेशा के लिए एक जैसी नहीं रहती है। ये सब एक राजनीति है।
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever.#ItsPoliticspic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
मौलाना वली रहमानी का दावा- बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी
मौलाना वली रहमानी ने कहा, हमारा हमेशा यह मानना रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू धार्मिक स्थल को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने अयोध्या विवाद वाले फैसले में हमारी स्थिति की पुष्टि की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्वीकार किया है कि 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक गैरकानूनी, असंवैधानिक और आपराधिक कृत्य था। लेकिन सच में यह बेहद ही दुखी करने वाली बात है कि इन सभी तथ्यों को स्वीकार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक अत्यंत अन्यायपूर्ण फैसला सुनाया था।