Babri Demolition Case: मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी बोले- फैसले का स्वागत, अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2020 01:25 PM2020-09-30T13:25:40+5:302020-09-30T16:02:58+5:30
सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी किया। विशेष सीबीआई कोर्ट ने माना कि 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था।
लखनऊ/अयोध्याः बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं। सीबीआई अदालत के फैसले का हम सभी को स्वागत करना चाहिए।
राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने विवादित ढांचा ढहाये जाने के प्रकरण में विशेष सीबीआई अदालत के बुधवार के फैसले का स्वागत करते हुए मुसलमानों से अपील की कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय की तरह विशेष अदालत के फैसले का भी सम्मान करें।
अंसारी ने विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा ''अच्छी बात है, सबको बरी कर दिया गया। वैसे जो कुछ भी होना था वह पिछले साल नौ नवम्बर को चुका है। यह मुकदमा भी उसी दिन खत्म हो जाना चाहिये था।'' उन्होंने कहा ''यह मुकदमा सीबीआई का है। आज अदालत ने इस पर फैसला कर दिया। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह इस मामले को आगे लेकर न जाएं। जैसे नौ नवम्बर के फैसले का सम्मान किया था, वैसे ही इसका भी करें।''
अंसारी ने कहा ''हम चाहते हैं कि हमारे देश में हिन्दू—मुसलमान का विवाद न रहे। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, वे ही विवाद बनाये रखने की कोशिश करते हैं। अयोध्या में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में कोई मतभेद नहीं है। यही माहौल पूरे देश में होना चाहिये।''
गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।
कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं: इकबाल अंसारी, बाबरी मस्जिद के पक्षकार pic.twitter.com/tU2uHhCB9Y
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 30, 2020
बाबरी मामले में मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने सीबीआई अदालत के फैसले का स्वागत किया
राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने विवादित ढांचा ढहाये जाने के प्रकरण में विशेष सीबीआई अदालत के बुधवार के फैसले का स्वागत करते हुए मुसलमानों से अपील की कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय की तरह विशेष अदालत के फैसले का भी सम्मान करें।
विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा ''अच्छी बात है, सबको बरी कर दिया गया। वैसे जो कुछ भी होना था वह पिछले साल नौ नवम्बर को चुका है। यह मुकदमा भी उसी दिन खत्म हो जाना चाहिये था।'' उन्होंने कहा ''यह मुकदमा सीबीआई का है। आज अदालत ने इस पर फैसला कर दिया। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि वह इस मामले को आगे लेकर न जाएं। जैसे नौ नवम्बर के फैसले का सम्मान किया था, वैसे ही इसका भी करें।''
अंसारी ने कहा ''हम चाहते हैं कि हमारे देश में हिन्दू—मुसलमान का विवाद न रहे। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, वे ही विवाद बनाये रखने की कोशिश करते हैं। अयोध्या में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में कोई मतभेद नहीं है। यही माहौल पूरे देश में होना चाहिये।''
गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।