नई दिल्लीः राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने के लिए नोटिस दिया। खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपे नोटिस में आरोप लगाया कि शाह ने 17 दिसंबर को उच्च सदन में ‘संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब देते हुए बाबासाहेब का अपमान किया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ सदन की अवमानना और विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने धनखड़ से आग्रह किया, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही आरंभ की जाए।’’ उन्होंने सदन की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के नियम 188 के तहत नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने सदन में जो टिप्पणियां कीं।
वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार बीआर आंबेडकर का स्पष्ट रूप से अपमान है।’’ उनके मुताबिक, गृह मंत्री ने कहा था, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’ खरगे ने दावा किया कि शाह ने सदन की अवमानना और विशेषाधिकार का हनन किया है।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कांग्रेस से आंबेडकर के मुद्दे पर झूठ न फैलाने को कहा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के साथ किए गए उसके व्यवहार को लेकर नए सिरे से हमला किया और कहा कि विपक्षी दल को ‘झूठ’ फैलाना बंद करना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस पर आंबेडकर और उनकी विरासत का अपमान करने और उनकी अनदेखी करने के अपनी पार्टी के आरोपों को दोहराया और मोदी सरकार द्वारा उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए किए गए विभिन्न कार्यों का हवाला दिया।
नड्डा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से आंबेडकर के खिलाफ की गई एक टिप्पणी को लेकर आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’ इस मुद्दे पर बुधवार से संसद में जोरदार हंगामा जारी है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में इसी मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया। नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उसे और उसके ‘दूषित इकोसिस्टम’ को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे जून में लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव हारे और कई विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘नवंबर में आप महाराष्ट्र में बुरी तरह हारे। कम से कम अब तो झूठ बोलना बंद करो। क्योंकि आपके झूठ पकड़े जाएंगे। सत्य की हमेशा जीत होती है। जय भीम।’’ शाह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने उनकी टिप्पणी को तोड़मरोड़ कर पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल के सभी वरिष्ठ नेता शाह के समर्थन में कूद पड़े हैं।
नड्डा ने दावा किया कि सच्चाई, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय में विश्वास करने वाले सभी लोगों ने बुधवार से कांग्रेस और उसके ‘दूषित इकोसिस्टम’ की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने डॉ. आंबेडकर के प्रति कांग्रेस की गहरी नफरत को दर्शाने के लिए कुछ तथ्य साझा करने के बारे में सोचा।
पंडित नेहरू डॉ. आंबेडकर से नफरत करते थे। और यह नफरत बेतहाशा थी। यही कारण है कि पंडित नेहरू ने डॉ. आंबेडकर को दो बार हरवाया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू गर्व से विदेशों में लोगों को पत्र लिखते हैं और इस बात पर खुशी जताते हैं कि आंबेडकर मंत्रिमंडल में नहीं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के अलीपुर रोड स्थित आंबेडकर के घर का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि इसे बहुत पहले ही एक भव्य स्मारक में तब्दील कर दिया जाना चाहिए था ताकि लोग इससे प्रेरित होते। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लेकिन आंबेडकर से नफरत करने वाली कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।
यह भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार थी जिसने इसे एक ‘प्रतिष्ठित स्थल’ के रूप में विकसित किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में सामाजिक न्याय के 'स्वयंभू संरक्षकों' ने मुंबई में 'चैत्य भूमि' में एक भव्य स्मारक बनाने का खोखला वादा किया था, लेकिन यह मोदी सरकार ही थी जिसने इसके लिए 2015 में भूमि हस्तांतरण सुनिश्चित किया।’’
नड्डा ने कहा कि मोदी ने हाल के वर्षों में वहां दो बार प्रार्थना की। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का एक पोस्ट भी साझा किया, जिसे अब हटा दिया गया है। इस पोस्ट में पित्रोदा ने संविधान में नेहरू के योगदान को आंबेडकर से अधिक आंका था। नड्डा ने कहा, ‘‘राजवंश के सबसे वफादार दरबारी ने बताया है कि कांग्रेस वास्तव में डॉ. आंबेडकर के बारे में क्या सोचती है - कि हमारे संविधान के निर्माण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। कुछ स्क्रीनशॉट वास्तव में एक हजार शब्द बोलते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘एक्स’ से पोस्ट को हटाया जा सकता है लेकिन उनकी वास्तविक भावनाएं कभी नहीं जाएंगी। उन्होंने कांग्रेस की कथित उपेक्षा के बीच आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं को विदेशी धरती पर भारत के बारे में झूठ फैलाना पसंद है, लेकिन उन्होंने कभी लंदन में उस जगह की परवाह नहीं की, जहां डॉ. आंबेडकर खुद रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी अपनी 2015 की ब्रिटेन यात्रा के दौरान वहां गए थे और बाद में, इसे महाराष्ट्र सरकार द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था।’’