Baba Siddique Murder Case: बहराइच पहुंची मुंबई पुलिस, 2 आरोपियों को दबौचा; बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में देशभर में तलाश जारी
By अंजली चौहान | Updated: October 15, 2024 14:43 IST2024-10-15T14:42:10+5:302024-10-15T14:43:19+5:30
Baba Siddique Murder Case:उत्तर प्रदेश के बहराइच में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के दो आरोपियों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है. अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और तीन अन्य फरार हैं.

Baba Siddique Murder Case: बहराइच पहुंची मुंबई पुलिस, 2 आरोपियों को दबौचा; बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में देशभर में तलाश जारी
Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र के बांद्रा में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मौत की जांच कर रही मुंबई पुलिस लगातार एक्शन मोड में हैं। मंगलवार, 15 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए उत्तर प्रदेश के बहराइच में छापेमारी की और दो आरोपियों को पकड़ लिया। वहीं, मामले में सातवें आरोपी की तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए दो लोगों में से एक हरीश है, जिसकी पुणे में कबाड़ की दुकान है, जिसका इस्तेमाल आरोपी धर्मराज कश्यप (19) और शिवप्रसाद गौतम करते थे। दूसरा गिरफ्तार आरोपी धर्मराज कश्यप का भाई अनुराग कश्यप है। हरीश कश्यप पर धर्मराज कश्यप, शिवप्रसाद गौतम और अनुराग कश्यप को पैसे देने और उन्हें मुंबई के कुर्ला में किराए का घर और बाइक मुहैया कराने का आरोप है। हरीश कश्यप को बाबा सिद्दीकी की हत्या के बारे में पता था और उसने अपराध करने से कुछ दिन पहले शिवप्रसाद गौतम और धर्मराज कश्यप के लिए एक नया मोबाइल भी खरीदा था।
इस बीच, पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से दो पिस्तौल बरामद की। एक हथियार ग्लॉक पिस्तौल है जबकि दूसरा देसी पिस्तौल है। अब तक तीन लोगों - धर्मराज कश्यप, गुरमेल सिंह (23) और प्रवीण लोनकर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य तीन आरोपी - शुभम लोनकर, शिव कुमार गौतम और मोहम्मद जीशान अख्तर - फरार हैं।
बताया जा रहा है कि हरियाणा निवासी गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज कश्यप 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में हैं। मुंबई पुलिस बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में सातवें आरोपी की तलाश कर रही है। आरोपी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह, जिसने हत्या की जिम्मेदारी ली है और इसमें शामिल शूटरों के बीच की कड़ी है।
बता दें कि बाबा सिद्दीकी को मुंबई के बांद्रा में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के ठीक बाहर तीन लोगों ने घेर लिया और 12 अक्टूबर की रात को गोली मार दी। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिद्दीकी को अगले दिन कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में लोगों और राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया।