लखनऊ : जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के सीनियर नेता आजम खान के बुरे दिन खत्म ही नहीं हो रहे। गुरुवार के दिन आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर बस्ती के एक मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इस मामले में आजम खान 10 साल की जेल और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस दौरान कोर्ट ने बरकत अली को भी दोषी ठहराते हुए उसे 7 साल की सजा सुनाई है। आजम खान और ठेकेदार बरकत अली को लूट, मारपीट, गाली-गलौज, बस्ती को खाली कराने के लिए साजिश रचने के मामले कोर्ट ने सजा सुनाई है।
अदालत के इस फैसले से आजम खान के समर्थकों को झटका लगा है। चर्चा है कि आजम खान इस फैसले के खिलाफ वकीलों के राय कर उच्च कोर्ट के अपील करेंगे। आजम खान को सुनाई गई सजा को लेकर सपा नेताओं के कोई टिप्पणी नहीं की है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि कोर्ट के फैसले को पढ़ने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी।
सपा नेता आजम खान को कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह सजा सुनाई है। आजम खान सीतापुर जेल में हैं। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह कोर्ट में पेश हुए थे। जिस मामले में उन्हे सजा सुनाई गई है वह वर्ष 2016 में रामपुर की डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने का है। इस पूरे मामले को सूबे की योगी सरकार ने वर्ष 2019 में संज्ञान में लेते हुए रामपुर के गंज थाने में 12 लोगों ने आजम खान के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज करवाए थे। इन 12 मामलों में से कोर्ट 4 में फैसला सुना चुकी है। इनमें से 2 में आजम खान को बरी किया गया है वहीं 2 में सजा सुनाई गई है।
अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को जिस मामले में आजम खान को सजा सुनाई गई है, उसे अबरार ने दर्ज कराया था। अबरार का आरोप है कि आजम खान और ठेकेदार बरकत अली ने उनके घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की थी और बाद में घर के ऊपर बुलडोजर चलवा दिया गया था। इस मामले में रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान को दोषी माना और उन पर 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है।
यह है प्रकरण :
रामपुर के पुलिस लाइन इलाके के पास डूंगरपुर बस्ती है। यहां पर आसरा नाम की कॉलोनी बनाई गई थी। इसी कॉलोनी को बनाने के लिए इस जमीन पर वर्षो पहले बने मकानों को अवैध करार देकर खाली कराया गया था। वर्ष 2016 में इस कालोनी के कई मकानों को तोड़ा गया था। इस दौरान विरोध करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की थी। मकानों को तोड़ जाने को लेकर इस कालोनी के निवासी नन्हें खां के बेटे अबरार ने अपनी शिकायत में आजम के खिलाफ वाशिंग मशीन, घर में रखे जेवर और 5 हजार रुपये नकद लूट का आरोप भी लगाया था।
आजम खान के समर्थकों का कहना है कि डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के लिए अवैध मकान जरूर तोड़े गए थे लेकिन उस वक्त आजम खान वहां मौजूद नहीं थे। इस लिए अब इस मामले में बड़ी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी।