Ayodhya Verdict: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा, 'हम फैसले का सम्मान करते हैं, पर संतुष्ट नहीं'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 9, 2019 12:20 PM2019-11-09T12:20:57+5:302019-11-09T12:33:56+5:30
Ayodhya Verdict: अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद को लेकर शनिवार को दिए अपने फैसले में विवादित जमीन को रामलाल विराजमान को देते हुए मंदिर निर्माण का आदेश दिया।
कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए सरकार को 3-4 महीने में ट्रस्ट के निर्माण का आदेश दिया है। वहीं सरकार ने इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ की जमीन देने को कहा है। अपने फैसले में कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का याचिका खारिज कर दी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा, 'फैसले का सम्मान करते हैं, संतुष्ट नहीं हैं'
अयोध्या भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिमों के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन खुश नहीं हैं। जिलानी ने एएनआई से कहा, हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम संतुष्ट नहीं है। हम इस मामले में आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।'
Zafaryab Jilani, Sunni Waqf Board Lawyer: We respect the judgement but we are not satisfied, we will decide further course of action. #AyodhyaJudgmentpic.twitter.com/5TCpC0QXl6
— ANI (@ANI) November 9, 2019
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: Respect the verdict but the judgement is not satisfactory. There should be no demonstration of any kind anywhere on it. #AyodhyaJudgmentpic.twitter.com/g956DuJ5sB
— ANI (@ANI) November 9, 2019
जिलानी ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील करते हुए कहा, 'हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये संतोषजनक नहीं है। इस बारे में कहीं भी किसी तरह का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।'
जफरयाब जिलानी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड: 'अगर हमारी समिति सहमति जताती है तो हम एक पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। ये हमारा अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट के नियमों में भी आता है।'
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: We will file a review petition if our committee agrees on it. It is our right and it is in Supreme Court's rules as well. #AyodhyaJudgmenthttps://t.co/ICu8y7fOzIpic.twitter.com/iAoOIcjMTz
— ANI (@ANI) November 9, 2019