Ayodhya Verdict: रिजवी ने कहा- पुनर्विचार याचिका की जरूरत नहीं, हम सब इसका स्वागत करते हैं
By भाषा | Updated: November 9, 2019 13:25 IST2019-11-09T13:25:54+5:302019-11-09T13:25:54+5:30
रिजवी ने कहा, ‘‘इससे बेहतर फैसला नहीं हो सकता था। हम सब इसका स्वागत करते हैं। इस फैसले से देश की एकता और भाईचारा मजबूत होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जफरयाब जिलानी की निंदा करता हूं। कुछ लोग खुद को प्रासंगिक और जिंदा रखने के लिए पुनर्विचार याचिका की बातें कर रहे हैं। इनके साथ कोई नहीं खड़ा है। मुसलमान भी इन लोगों के साथ नहीं खड़ा है।’’

करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार से जुड़े बयान को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी की निंदा करते हुए कहा कि इस निर्णय के खिलाफ अपील की कोई जरूरत नहीं है।
रिजवी ने कहा, ‘‘इससे बेहतर फैसला नहीं हो सकता था। हम सब इसका स्वागत करते हैं। इस फैसले से देश की एकता और भाईचारा मजबूत होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जफरयाब जिलानी की निंदा करता हूं। कुछ लोग खुद को प्रासंगिक और जिंदा रखने के लिए पुनर्विचार याचिका की बातें कर रहे हैं। इनके साथ कोई नहीं खड़ा है। मुसलमान भी इन लोगों के साथ नहीं खड़ा है।’’
दरअसल, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जिलानी ने शनिवार को कहा कि वह विवादित जमीन को मंदिर के लिए देने से जुड़े फैसले से असन्तुष्ट है और इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुये केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आबंटित की जाये।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था।