Ayodhya Verdict: SC ने मोदी सरकार से कहा- तीन महीने के अंदर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन कर करवाएं मंदिर निर्माण

By रामदीप मिश्रा | Updated: November 9, 2019 12:33 IST2019-11-09T12:27:15+5:302019-11-09T12:33:07+5:30

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसलाः पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। 

Ayodhya verdict: central govt constitute board of trustees within three months for ram temple construction says SC | Ayodhya Verdict: SC ने मोदी सरकार से कहा- तीन महीने के अंदर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन कर करवाएं मंदिर निर्माण

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Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (09 नवंबर) को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।कोर्ट ने विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (09 नवंबर) को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त कर दिया है। साथ ही साथ उसने कहा है कि केद्र सरकार तीन महीने के अंदर बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का गठन करे। इसके बाद विवादित स्थल पर निर्माण करवाए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि केन्द्र सरकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन वैकल्पित रूप से आवंटित करे। 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार तार कर दिया था। 

शीर्ष अदालत ने कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए और सरकार को उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करना चाहिए जिसके प्रति अधिकांश हिन्दुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था। इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था। 

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल थे। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। 

इस बीच, एक मुस्लिम पक्षकार के वकील जफरयाब जीलानी ने फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद अगली रणनीति तैयार की जायेगी। दूसरी ओर, निर्मोही अखाड़े ने कहा कि उसका दावा खारिज किये जाने का उसे कोई दु:ख नहीं है। 

संविधान पीठ ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी।

Web Title: Ayodhya verdict: central govt constitute board of trustees within three months for ram temple construction says SC

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