अयोध्या विवाद: महात्मा गांधी भी गये थे राम जन्मभूमि स्थल, किए थे सीता-राम की मूर्ति के दर्शन!

By विनीत कुमार | Published: October 16, 2019 06:31 PM2019-10-16T18:31:56+5:302019-10-16T18:31:56+5:30

राम की मूर्ति बाबरी मस्जिद वाली जगह पर पहले से मौजूद थी या फिर कोई और इसे रातों-रात रख गया, इसे लेकर भी बहस होती है। इन सभी के बीच महात्मा गांधी के अयोध्या यात्रा से जुड़े विवरणों का जिक्र 'गांधी वाड्मय' किताब में किया गया है।

Ayodhya dispute Mahatma Gandhi went to Ayodhya in 1921 and darshan sita ram idols | अयोध्या विवाद: महात्मा गांधी भी गये थे राम जन्मभूमि स्थल, किए थे सीता-राम की मूर्ति के दर्शन!

अयोध्या भूमि विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी (फाइल फोटो)

Highlightsमहात्मा गांधी की 1921 में अयोध्या यात्रा का विवरण सोशल मीडिया पर वायरल'गांधी वाड्मय' किताब में गांधी ने अयोध्या यात्रा से जुड़े विवरण में सीरा और राम की मूर्ति का भी जिक्र किया है

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और माना जा रहा है कि अगले महीने के पहले या दूसरे हफ्ते तक इस मामले पर कोर्ट का फैसला आ जाएगा। 

भारत की आजादी के बाद 1949 में 22-23 दिसंबर की रात वहां बाबरी मस्जिद में भगवान राम की मूर्ति के मिलने के बाद से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद लगातार चर्चा में बना रहा। भगवान राम की मूर्ति मिलने पर भी कई तरह की बातें कही गई। राम की मूर्ति वहां पहले से मौजूद थी या फिर कोई और इसे रातों-रात रख गया, इसे लेकर भी बहस होती है। इन सभी के बीच महात्मा गांधी के अयोध्या यात्रा से जुड़े विवरणों का जिक्र 'गांधी वाड्मय' किताब में किया गया है। इस किताब का एक अंश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

'गांधी वाड्मय' में रामजन्मभूमि और राम की मूर्ति का जिक्र!

महात्मा गांधी से जुड़े इस किताब 'गांधी वाड्मय' के 461 नंबर पेज पर गांधी ने अपनी एक अयोध्या यात्रा का जिक्र किया है। यह यात्रा गांधी ने साल 1921 में की थी। गांधी जी लिखते हैं, 'अयोध्या में जहां रामचंद्रजी का जन्म हुआ, कहा जाता है, उसी स्थान पर छोटा सा मंदिर है। जब मैं अयोध्या पहुंचा तो वहां मुझे ले जाया गया। श्रद्धालु और सहयोगियों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं पुजारी से विनती करूं कि वह सीता-राम की मूर्तियों के लिए पवित्र खादी का प्रयोग करें। मैंने विनती तो की लेकिन उस पर अमल शायद ही हुआ हो। जब मैं दर्शन करने गया तब मैंने मूर्तियों को मलमल और जरी के वस्त्र में पाया। यदि मुझसें तुलसीदासजी जितनी गाढ़ भक्ति सामर्थ्य होती तो मैं भी उसी तुलसीदास की तरह हठ पकड़ लेता।' 

Web Title: Ayodhya dispute Mahatma Gandhi went to Ayodhya in 1921 and darshan sita ram idols

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