अयोध्या विवादः न्यायाधीश चन्द्रचूड़ ने कहा- नक्शे से लगता है कि रामचबूतरा अंदर था, राजीव धवन ने कहा कि दोनों ओर कब्रिस्तान है

By भाषा | Published: October 16, 2019 05:00 PM2019-10-16T17:00:34+5:302019-10-16T17:00:34+5:30

वैद्यनाथन सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मालिकाना हक के लिये 1961 में दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे। न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि नक्शे से लगता है कि रामचबूतरा अंदर था।

Ayodhya dispute: Judge Chandrachud said - the map shows that Ramchabutra was inside, Rajiv Dhawan said that there is a cemetery on both sides. | अयोध्या विवादः न्यायाधीश चन्द्रचूड़ ने कहा- नक्शे से लगता है कि रामचबूतरा अंदर था, राजीव धवन ने कहा कि दोनों ओर कब्रिस्तान है

अदालत ने पहले इस प्रकरण की सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी करने की समय सीमा निर्धारित की थी।

Highlightsनमाज पढ़ने के लिये अनेक स्थान हो सकते हैं लेकिन हिन्दुओं के लिये तो भगवान राम का जन्म स्थान एक ही है जिसे बदला नहीं जा सकता।संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

उच्चतम न्यायालय में बुधवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर दलीलें पूरी हो गई। 70 साल के केस में 40 दिन सुनवाई चली। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 23 दिन बाद इस पर फैसला सुनाया जाएगा। यानी 8 नवंबर को क्या होगा, कोई कुछ नहीं जानता।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष इस प्रकरण की सुनवाई के 40वें दिन एक हिन्दू पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष का यह दावा था कि विवाद की विषय वस्तु मस्जिद का निर्माण शासन की जमीन पर हुकूमत (बाबर) द्वारा किया गया था लेकिन वे इसे अभी तक सिद्ध नहीं कर पाये।

वैद्यनाथन सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मालिकाना हक के लिये 1961 में दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे। न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि नक्शे से लगता है कि रामचबूतरा अंदर था।

इसपर राजीव धवन ने कहा कि दोनों ओर कब्रिस्तान है। राजीव धवन ने कहा कि चबूतरा भी मस्जिद का हिस्सा है, सिर्फ इमारत ही नहीं बल्कि पूरी जगह ही मस्जिद का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वो मस्जिद थी, हमारी थी और हमें पुनर्निर्माण का अधिकार है, इमारत भले ही ढहा दी गई लेकिन मालिकाना हक हमारा ही है। वैद्यनाथन ने कहा कि यदि मुस्लिम पक्ष प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत के तहत विवादित भूमि पर मालिकाना हक का दावा कर रहे हैं तो उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि मूर्तियां या मंदिर पहले इसके असली मालिक थे।

वैद्यनाथन ने कहा कि वे प्रतिकूल कब्जे के लाभ का दावा नहीं कर सकते। यदि वे ऐसा दावा करते हैं तो उन्हें पहले वाले मालिक, जो इस मामले में मंदिर या मूर्ति हैं, को बेदखल करना दर्शाना होगा। इस प्रकरण की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे़, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

वैद्यनाथन ने कहा कि अयोध्या में मुसलमानों के पास नमाज पढ़ने के लिये अनेक स्थान हो सकते हैं लेकिन हिन्दुओं के लिये तो भगवान राम का जन्म स्थान एक ही है जिसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष की इस दलील में कोई दम नहीं है कि लंबे समय तक इसका उपयोग होने के आधार पर इस भूमि को ‘वक्फ’ को समर्पित कर दिया गया था क्योंकि इस संपत्ति पर उनका अकेले का कब्जा नहीं था। न्यायालय ने कहा कि बहुत हो चुका है।

संविधान पीठ अयोध्या में विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से सुनवाई कर रही है।

पीठ ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद पर पिछले 39 दिन से सुनवाई की जा रही है और अब आज के बाद किसी भी पक्षकार को इस मामले में बहस पूरी करने के लिये कोई समय नहीं दिया जायेगा। शीर्ष अदालत ने पहले इस प्रकरण की सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी करने की समय सीमा निर्धारित की थी लेकिन इसे बाद में एक दिन कम कर दिया गया था। संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

Web Title: Ayodhya dispute: Judge Chandrachud said - the map shows that Ramchabutra was inside, Rajiv Dhawan said that there is a cemetery on both sides.

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