Babri Masjid Demolition Case verdict: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस पर 28 साल बाद फैसला, आडवाणी समेत सभी आरोपी बरी
By विनीत कुमार | Updated: September 30, 2020 12:27 IST2020-09-30T11:53:11+5:302020-09-30T12:27:12+5:30
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला (फोटो-एएनआई)
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 32 अभियुक्त थे।
सीबीआई की विशेष अदालत के जस्टिस एसके यादव ने बुधवार को अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। जज ने अपने शुरुआती कमेंट में कहा कि ये घटना अचानक ही हुई थी।
इससे पहले कोर्ट के निर्देश के अनुसार 26 आरोपी लखनऊ के विशेष कोर्ट में पहुंचे। हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान और महंत नृत्य गोपाल दास कोर्ट नहीं पहुंचे। इनमें कुछ आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए।
सीबीआई की अदालत के जस्टिस एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन गत 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गई थी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी। केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए। इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
इस मामले में अदालत में पेश हुए सभी अभियुक्तों ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताते हुए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर दुर्भावना से मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया था। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने इसी साल 24 जुलाई को सीबीआई अदालत में दर्ज कराए गए बयान में तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से इस मामले में घसीटा गया है।
(भाषा इनपुट)