VIDEO: आजादी के बाद भी RSS को कुचलने की कोशिशें की गईं, RSS के शताब्दी समारोह में PM मोदी ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 1, 2025 14:36 IST2025-10-01T14:35:21+5:302025-10-01T14:36:31+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है, लेकिन इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच कभी अंतर्विरोध नहीं होता क्योंकि ये सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हैं।

VIDEO: आजादी के बाद भी RSS को कुचलने की कोशिशें की गईं, RSS के शताब्दी समारोह में PM मोदी ने कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है, लेकिन इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच कभी अंतर्विरोध नहीं होता क्योंकि ये सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हैं। आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र की सेवा और समाज को सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज जारी किया गया स्मारक डाक टिकट एक श्रद्धांजलि है, जो 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में गर्व से मार्च करने वाले आरएसएस स्वयंसेवकों की याद दिलाता है। अपनी स्थापना के बाद से आरएसएस ने राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है।
“आजादी के बाद भी RSS को कुचलने की कोशिशें की गईं...संघ के स्वयंसेवकों ने कभी कटुता नहीं दिखाई”
— News24 (@news24tvchannel) October 1, 2025
◆ RSS के शताब्दी समारोह में PM मोदी ने कहा@narendramodi | #RSS100Years | #OnRSS | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ | राष्ट्र साधना | #PMModipic.twitter.com/WeaBCkYpWN
आरएसएस समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर काम करता है, लेकिन इसकी विभिन्न शाखाओं के बीच कभी कोई अंतर्विरोध नहीं होता क्योंकि ये सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हैं।’’ मोदी ने कहा कि आरएसएस ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार में विश्वास करता है, हालांकि आजादी के बाद इसे राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘विविधता में एकता हमेशा से भारत की आत्मा रही है, अगर यह सिद्धांत टूटा तो भारत कमजोर हो जाएगा। चुनौतियों के बावजूद आरएसएस मजबूती से खड़ा है और निरंतर राष्ट्र की अथक सेवा कर रहा है।’’ केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में आरएसएस की स्थापना एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में की थी जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना था। मोदी स्वयं एक आरएसएस प्रचारक थे और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। भाजपा की वैचारिक प्रेरणा हिंदुत्ववादी संगठन से मिलती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा त्याग, निःस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल है। RSS के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) October 1, 2025
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