जम्मू कश्मीर में प्रवासी नागरिकों पर हमले और उनकी हत्याओं के पीछे क्या है आतंकियों की सोच? रुक नहीं रहीं घटनाएं
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 21, 2024 11:05 IST2024-10-21T11:04:19+5:302024-10-21T11:05:55+5:30
ऐसा भी नहीं है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेइ 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के दो टुकड़े कर उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिए जाने की कवायद के बाद ऐसे हमलों और हत्याओं में कोई कमी आई हो बल्कि यह अनवरत रूप से जारी हैं।

indian army file photo
जम्मू: सोनमर्ग के गगननीर में 6 प्रवाससियों समेत सात लोगों की हत्याएं कश्मीर में पहली बार नहीं हुई हैं। कश्मीर में जबसे आतंकवाद फैला है प्रवासी नागरिक हमेशा ही आतंकियों के निशाने पर इसलिए रहे हैं क्योंकि आतंकियों की नजर में ये प्रवासी कश्मीर की डेमोग्राफिक को बदलने की कथित साजिश के तहत कश्मीर में आ रहे हैं।
ऐसा भी नहीं है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेइ 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के दो टुकड़े कर उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिए जाने की कवायद के बाद ऐसे हमलों और हत्याओं में कोई कमी आई हो बल्कि यह अनवरत रूप से जारी हैं। आतंकियों ने 4 दिन पहले भी गैर-स्थानीय युवक की हत्या की थी इससे पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान अशोक चौहान के रूप में की गई थी। अशोक चौहान बिहार से जम्मू कश्मीर मजदूरी करने गए थे। उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया।
इसी तरह इस साल 8 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे।
जबकि 17 अप्रैल को आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने उसे पेट और गर्दन में गोलियां मारी थीं। यह सिलसिल थमा नहीं था क्योंकि आतंकियों ने श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को गोली मार दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था।
पिछले साल भी यह सिलसिला चला था जब 26 फरवरी 2023 को आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या कर दी थी। वो अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी। जबकि 29 मई 2023 को अनंतनाग में आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान दीपक कुमार के रूप में हुई थी। दीपक जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग के जंगलात मंडी में सर्कस मेले में काम करता था।
2022 भी प्रवासी नागरिकों के लिए भारी साबित हुआ था जब 15 अक्टूबर 2022 को शोपियां के चौधरीगुंड गांव में आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट पर फायरिंग की थी। गंभीर रूप से घायल पूरन को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। अगस्त 2022 में शोपियां में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले तीन प्रवासी मजदूरों को गोली मारी थी। इसके अलावा सेब के बाग में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी। बांदीपोरा में आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2022 के ही नवंबर महीने में शोपियां में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था, जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे।