बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राहत की खबर, WHO का दावा- बिना लक्षण वाले मरीजों से कोरोना फैलना मुश्किल
By सुमित राय | Updated: June 9, 2020 17:29 IST2020-06-09T17:26:27+5:302020-06-09T17:29:32+5:30
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एसिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीजों से दूसरों को कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के मामले काफी मुश्किल हैं।

डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने कहा कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से कोरोना फैलने के मामले काफी दुर्लभ हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोरोना वायरस का संक्रमण भारत के साथ-साथ दुनियाभर के देशों में बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस बीच राहत भरी खबर आई है कि यह एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से दूसरे लोगों में नहीं फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना के बिना लक्षण वाले (एसिम्प्टोमैटिक) मरीजों से यह बीमारी दूसरों में मुश्किल से फैलती है।
डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ डॉ. मारिया वेन ने सोमवार को कहा, "एसिम्प्टोमैटिक मरीजों (बिना लक्षण वाले) से भी संक्रमण फैल सकता है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले की वजह ये मरीज नहीं हैं।" मारिया वेन ने कहा, "कुछ मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, खासकर युवाओं और दूसरे स्वस्थ लोगों में इस संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते या बहुत हल्के होते हैं।
कुछ देशों से आई हैं कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से संक्रमण की बतां
डॉक्टर मारिया ने कहा कि हमारे पास कई देशों से रिपोर्ट आई हैं कि एसिम्प्टोमैटिक मरीजों से संक्रमण फैला है। हालांकि इसका सटीक जवाब जानने के लिए अभी ज्यादा रिसर्च और ज्यादा डेटा सामने आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच सरकारों का फोकस संक्रमितों का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने पर होना चाहिए। मरीजों के संपर्क में आने वालों पर नजर रखना भी जरूरी है।
अभी पूरा फोकस लक्षण वाले मरीजों पर है
डॉक्टर मारिया ने कहा कि अभी हमारा फोकस एसिम्प्टोमैटिक मरीजों पर नहीं है, अभी हम केवल लक्षण वाले मरीजों पर कर रहे हैं। अगर हम लक्षण वाले मरीजों से फैलने वाले मामले को कंट्रोल कर लें तो कोविड-19 के आंकड़े तेजी से गिरेंगे।
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2.66 लाख से ज्यादा
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में 266598 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 7466 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में अब तक 129215 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है और 129917 एक्टिव केस मौजूद हैं।
