उद्धव ठाकरे के नियंत्रण से निकलेगी 334 करोड़ रुपये की संपत्ति, 'मातोश्री' भी खतरे में!

By शिवेंद्र राय | Published: February 18, 2023 02:23 PM2023-02-18T14:23:27+5:302023-02-18T14:25:32+5:30

पार्टी फंड के रूप में बैंकों में जमा लगभग 148 करोड़ रुपये की संपत्ति को इस्तोमाल करने का अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ की अचल संपत्ति है।

Assets worth Rs 334 crore will come out of Uddhav Thackeray control Matoshree | उद्धव ठाकरे के नियंत्रण से निकलेगी 334 करोड़ रुपये की संपत्ति, 'मातोश्री' भी खतरे में!

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

Highlightsशिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी बैंकों में जमा हैशिवसेना के पास 186 करोड़ की अचल संपत्ति हैशिंदे गुट के पास होगा अब इस्तेमाल का अधिकार

मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट की शुक्रवार को बड़ी जीत हुई। केंद्रीय चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' पार्टी पर और इसके सिंबल 'धनुष-बाण' पर वास्तविक अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को दिया है। आयोग ने शुक्रवार को आदेश दिया है कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेंगे।

तख्तापलट के करीब आठ महीने बाद एकनाथ शिंदे का पार्टी के नाम और धनुष-बाण के चुनाव चिन्ह पर अधिकार तो हो गया है लेकिन उद्धव ठाकरे की मुश्किल बस इतनी नहीं है। अब जब चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को ही असली शिवसेना मान लिया है तब पार्टी फंड के रूप में बैंकों में जमा लगभग 148 करोड़ रुपये की संपत्ति को इस्तोमाल करने का अधिकार भी शिंदे गुट को ही होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ की अचल संपत्ति है।

अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना जिसे पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाएगी उसी के हस्ताक्षर से ये धनराशि बैंक से निकाली जा सकेगी। इसके अलावा उद्धव ठाकरे पैतृक निवास मातोश्री को लेकर भी संकट की स्थिति है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे ने अपनी वसीयत में मातोश्री का पहला तल जयदेव के नाम, दूसरा तल तथा तीसरा तल उद्धव ठाकरे के नाम किया था। हालांकि  मातोश्री का ग्राउंड फ्लोर शिवसेना पार्टी के नाम पर है। ऐसे में शिंदे गुट इस पर भी अपना हक जता सकता है।

बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह चुके हैं। हालांकि उनके सहयोगी आयोग के फैसले को मानकर नई शुरुआत करने की सलाह दे रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘तीर-कमान’ का चिह्न खोने से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चिह्न को स्वीकार कर लेगी। 

 राकांपा प्रमुख ने ठाकरे समूह को सलाह दी, “जब कोई फैसला आ जाता है, तो चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसे स्वीकार करें, नया चिह्न लें। इससे (पुराना चिह्न खोने से) कोई फर्क नहीं पड़ेगा।” 

Web Title: Assets worth Rs 334 crore will come out of Uddhav Thackeray control Matoshree

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