विधानसभा चुनावः बिहार में राजग गठबंधन बहुत मजबूत?, अमित शाह बोले-पीएम मोदी-सीएम नीतीश के नेतृत्व में फिर से सरकार बनाएंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 29, 2025 14:33 IST2025-03-29T14:32:42+5:302025-03-29T14:33:54+5:30
Assembly elections: मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) और नीतीश कुमार जी की सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

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Assembly elections: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार में फिर से बड़े जनादेश के साथ सरकार बनायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और कुछ अन्य दलों वाला गठबंधन मिलकर काम कर रहा है और हाल के दिनों में गठबंधन की कई बैठकें हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शाह ने कहा, ‘‘बिहार में राजग गठबंधन बहुत मजबूत है।’’ उन्होंने कहा, "मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) और नीतीश कुमार जी की सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
बिहार में पहले से भी बड़े जनादेश के साथ राजग की सरकार बनेगी।" बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होने की उम्मीद है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग की सरकार है। गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे। इस दौरान वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित भाजपा नीत राजग के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
और कुछ सार्वजनिक समारोहों को संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह के दौरे का विवरण शुक्रवार को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप जायसवाल ने साझा किया। जायसवाल ने कहा, "अमित शाह के शाम पौने आठ बजे पटना हवाई अड्डे पर पहुंचने की संभावना है। वह पार्टी विधायकों से बातचीत के लिए सीधे राज्य भाजपा मुख्यालय जाएंगे। इसके बाद देर रात कोर कमेटी की बैठक होगी, जिसमें बिहार से केंद्रीय मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।"
मुख्यमंत्री के आवास पर जाएंगे, वापसी की उड़ान भरेंगे
रविवार को पटना में सहकारिता विभाग के एक समारोह को संबोधित करने के बाद शाह गोपालगंज जिले में एक रैली के लिए रवाना होंगे। पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष ने कहा, "गोपालगंज से लौटने के बादवह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की महत्वपूर्ण बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर जाएंगे, उसके बाद वापसी की उड़ान भरेंगे।"
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को "तमिल विरोधी" भी करार दिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कभी बेहद प्रगतिशील राज्य रहा तमिलनाडु द्रमुक सरकार की नीतियों के कारण अराजकता का शिकार हो गया है और लोग इससे बेहद परेशान हैं तथा अगले विधानसभा चुनाव में इसे उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं। उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को "तमिल विरोधी" भी करार दिया क्योंकि तमिलनाडु सरकार ने अभी तक तमिल भाषा में चिकित्सा और इंजीनियरिंग की शिक्षा शुरू नहीं की है और किताबों का तमिल में अनुवाद भी नहीं किया है।
शाह ने विश्वास जताया कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में द्रमुक सरकार केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिसके कारण उद्योग और युवा राज्य से पलायन कर रहे हैं। शाह ने कहा, “कभी दक्षिण भारत का सबसे प्रगतिशील राज्य माना जाने वाला तमिलनाडु द्रमुक सरकार की नीतियों के कारण अराजकता का शिकार हो गया है, जिससे जनता बेहद परेशान है। आने वाले चुनाव में तमिलनाडु में राजग की सरकार बनेगी।”
गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि तमिलनाडु की जनता द्रमुक को सत्ता से उखाड़ फेंकेगी। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अगले परिसीमन कवायद को लेकर द्रमुक के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टी ने अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए यह मुद्दा उठाया है।
उन्होंने कहा, "क्या (केंद्र) सरकार ने परिसीमन पर कुछ कहा? उन्होंने इसे अब क्यों उठाया है? चुनाव के कारण उठाया है। पांच साल तक वे भ्रष्टाचार में लिप्त रहे और अब अचानक उनकी नींद खुल गई है।” उन्होंने कहा, “मैं आपको बता दूं कि परिसीमन में किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।’’
तृणमूल के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार अवैध प्रवासियों को अपना मतदाता बनाना चाहती है: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अवैध प्रवासियों को पार्टी के 'वोट बैंक' के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार इस तरह के कदम को सफल नहीं होने देगी। पश्चिम बंगाल सरकार के भाजपा नीत केंद्र के साथ टकराव के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि कोई टकराव नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, "वे अवैध प्रवासियों को अपने 'वोट बैंक' के रूप में देखते हैं। वे अवैध प्रवासियों को अपना मतदाता बनाना चाहते हैं। लेकिन हम किसी भी पार्टी को अवैध प्रवासियों को 'वोट बैंक' के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते।"