Assembly Elections 2023: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बुधवार को कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले जो बेहिसाबी नकदी जब्त की, वह इन राज्यों में पूर्व में हुए चुनावों में जब्त की गयी राशि से अधिक है।
गुप्ता ने कहा कि राज्य विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों से पहले, आयकर विभाग सहित प्रवर्तन एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी थी और इस उद्देश्य के लिए बनाए गए टोल-फ्री नंबरों पर बेहिसाबी नकदी और आभूषणों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की गई थी।
गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिन राज्यों में अभी चुनाव हैं, वहां हमने राज्य विधानसभा चुनावों या लोकसभा 2019 में जब्त की गई नकदी से अधिक नकदी जब्त की है।" उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व बेहिसाबी नकदी की बहुत गहन निगरानी की जा रही है और पूरी गतिविधि निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन प्राधिकार के स्तर पर समन्वित है।
सूत्रों के मुताबिक, चुनावी राज्य राजस्थान में इस साल अवैध नकदी, शराब, मादक पदार्थ, सोना, चांदी आदि की कुल जब्ती में तीन गुना वृद्धि हुई है। सूत्रों के अनुसार ऐसी जब्ती, जो 2021 में 322 करोड़ रुपये और 2022 में 347 करोड़ रुपये थी, अक्टूबर 2023 तक बढ़कर 1,021 करोड़ रुपये हो गई है।
नवंबर में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और मिजोरम में चुनाव होने हैं। जुलाई में, अप्रत्यक्ष कर के शीर्ष प्राधिकार, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी, शराब और नशीले पदार्थों के इस्तेमाल के संबंध में निर्वाचन आयोग के निर्देशों को लागू करने के लिए कर प्राधिकारियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की।
उनसे अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने को कहा गया। एसओपी के अनुसार, कर अधिकारियों को संभावित मतदाताओं को लुभाने के लिए कूपन-आधारित या मुफ्त ईंधन या नकदी के वितरण की निगरानी करने के लिए कहा गया था।
जीएसटी और सीमा शुल्क प्राधिकारियों को सड़क और वाहनों की पारगमन जांच के प्रभावी संचालन और अवैध और निषिद्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु गोदामों के सत्यापन के लिए "उड़न दस्ते और अचल निगरानी दल" गठित करने के लिए भी कहा गया था।