विधानसभा चुनावों में BJP की बुरी हार, लेकिन पीएम मोदी की नजर 2019 लोकसभा चुनाव पर
By संतोष ठाकुर | Published: December 12, 2018 07:39 AM2018-12-12T07:39:49+5:302018-12-12T07:39:49+5:30
पदाधिकारी एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि अगर इन नतीजों से कोई यह मानकर चल रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू खत्म हो गया है तो वह पूरी तरह से गलत है. इसकी वजह यह है कि अगर इन राज्यों में देखा जाए तो छग को छोड़कर राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लगातार इंतजार करना पड़ रहा है.
राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा को तगड़ा नुकसान तो हुआ ही है वहीं, आने वाले समय के लिए चिंता की घंटी भी बज गई है. लेकिन इन नतीजों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्साह और लक्ष्य पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. नतीजों के बीच उन्होंने संसद सत्र से पहले अपने पहले संबोधन में यह संकेत भी दे दिए हैं.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों की नजर मई 2019 पर है वह बात करें, वाद-विवाद करें लेकिन सदन के अंदर संवाद करें. संदेश साफ है कि वह इन नतीजों के बाद नए उत्साह से अपनी रणनीति बनाने को तैयार दिख रहे हैं. भाजपा सूत्रों के मुताबिक संसद सत्र के पहले दिन ही संवाद की बात करते हुए उन्होंने यह भी संकेत दे दिया है कि उनकी तैयारी 2019 के लिए शुरू हो गई है.
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ही मई 2019 के इंतजार से की. इससे साफ है कि प्रधानमंत्री इन चुनावी नतीजों को भाजपा के लिए अंतिम नहीं मानते. यह केवल रणनीति में सुधार के संकेत तक ही सीमति है. अभी मोदी का जादू कायम:
पदाधिकारी एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि अगर इन नतीजों से कोई यह मानकर चल रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू खत्म हो गया है तो वह पूरी तरह से गलत है. इसकी वजह यह है कि अगर इन राज्यों में देखा जाए तो छग को छोड़कर राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस को लगातार इंतजार करना पड़ रहा है.
इन राज्यों में कांग्रेस की जिस तूफानी सफलता की उम्मीद थी वह धूमिल हो गई है. उसे जोड़-तोड़ करके ही सरकार बनानी होगी. यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों और जनसंपर्क सभाओं की वजह से हुआ है. वह जहां भी गए, वहां पर वोटों में 4 से 5 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इससे भाजपा एक बार फिर से मुकाबला में आई.
इन नतीजों ने यह भी साबित किया कि लोगों का गुस्सा राज्य के नेतृत्व से है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनका भरोसा कायम है. यही वजह है कि जहां राजस्थान में कांग्रेस को पहले 150 सीट हासिल होने का आकलन था वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों के बाद वहां पर बमुश्किल वह जीत के करीब पहुंच पाई. यही स्थिति मप्र में भी रही. ऐसे में आम चुनाव विपक्षी दलों के लिए 2014 की तरह ही मुश्किल रहने वाला है.