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Assembly Election 2023: मायावती का किंगमेकर बनने का सपना टूटा!, केवल राजस्थान में दो सीट, मप्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सूपड़ा साफ

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 3, 2023 17:16 IST

Assembly Election 2023: तेलंगाना में कांग्रेस ने केसीआर को सत्ता से बाहर कर दिया है. तेलंगाना में कांग्रेस की जीत किसी जादू से कम नहीं मानी जा रही है.

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ठळक मुद्दे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती का किंगमेकर बनने का सपना तोड़ा है.मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा.बसपा इन राज्यों में सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाएंगी.

Assembly Election 2023: चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ गए. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बना रही है. जबकि तेलंगाना में कांग्रेस ने केसीआर को सत्ता से बाहर कर दिया है. तेलंगाना में कांग्रेस की जीत किसी जादू से कम नहीं मानी जा रही है.

इन चारों राज्यों की जीत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती का किंगमेकर बनने का सपना तोड़ा है. मायावती को उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा और ऐसे में बसपा इन राज्यों में सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाएंगी.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ भाजपा इन तीनों राज्यों में अपने बलबूते सरकार बनाने जा रही है और मायावती का सपना टूट गया है. और अब बसपा के नेता उत्तर प्रदेश में ध्यान देने की बात कह रहे हैं. फ़िलहाल बसपा नेताओं के लिए चारों राज्यों के चुनाव परिणाम। एक बड़ा झटका है.

बसपा सुप्रीमो मायावती को इन तीनों ही राज्यों ( मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ) में कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों के जीतने की उम्मीद थी. यही वजह हैं कि शुक्रवार को  मायावती ने यह कहा था कि इन राज्यों में भाजपा और कांग्रेस अपने बलबूते पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होंगे.

ऐसे में बसपा इस बार सिर्फ उसी दल को समर्थन देंगी जो सरकार बनाएगी. यह दावा करते हुए मायावती ने कहा था कि राजस्थान में बसपाने दो बार कांग्रेस को समर्थन दिया लेकिन कांग्रेस ने हमेशा बसपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की. मायावती के इस कथन के बाद यह कहा गया कि इन तीनों राज्यों में बसपा नेता अगर चुनाव जीतते हैं तो मायावती शर्त के साथ समर्थन देने का फ़ैसला करेंगी.

लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आयी क्योंकि भाजपा बड़े बहुमत के साथ इन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है. बसपा मुखिया मायावती को इसकी उम्मीद नहीं थी. उन्हें भरोसा था कि यूपी सहित देश के तमाम राज्यों में बीते कुछ अरसे लगातार चुनाव हार रही बसपा को इन राज्यों में इस बार जीत हासिल होगी.

अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए मायावती ने राजस्थानमें अकेले और मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ चुनावी तालमेल कर चुनाव मैदान में उतरने का फ़ैसला लिया था. इन तीनों राज्यों में बसपा का अपना सियासी आधार है.

मध्य प्रदेश में बसपा ने 178 सीटों पर और छत्तीसगढ़ में 52 सीटोंपर प्रत्याशी खड़े किए शेष सीटों पर इन राज्यों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशी खड़े किए. बसपा के इन प्रत्याशियों में कई कांग्रेस और भाजपा के बागी नेता थे, जिन्होंने तीनों राज्यों में तमाम सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाया.

जिसके चलते ही मायावती यह दावा कर रही थी कि बसपा के समर्थन के बिना भाजपा या कांग्रेस इन राज्यों में सरकार नहीं बना पाएगी. लेकिन अब मायावती का यह सपना टूट गया है. अब उन्हें अपनी पार्टी की ताकत का अहसास कराने के लिए लोकसभा चुनावों का इंतज़ार करना होगा.

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