गुवाहाटी: भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में बाल विवाह के खिलाफ सरकार बड़ी मुहिम चला रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए तमाम कदम उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए शुक्रवार को जानकारी दी कि राज्य में कुल 1,800 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इन सभी लोगों की गिरफ्तारी बाल विवाह से संबंधित मामलों के लिए की गई है।
राज्य में बाल विवाह के मामलों पर लगाम लगे इसके लिए कानूनी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी के आदेश तक दे दिए। इससे पहले राज्य में बाल विवाह के करीब चार हजार मामले दर्ज किए गए थे। इस संबंध में खुद सीएम ने 2 फरवरी को ट्वीट कर सूचना दी। उन्होंने बताया कि पिछले 9 दिनों में राज्य में बाल विवाह के खिलाफ चार हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए। आगे जो भी लोग बाल विवाह में शामिल होंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। बाल विवाह कराने वाले धर्म गुरुओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ऐसी शादी करने वाले पुरुष के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह रोकने के पीछे क्या है कारण?
असम सरकार की ओर से इस अभियान को चलाए जाने के पीछे अहम कारण है राज्य में महिलाओं और शिशुओं की जन्म दर और मृत्यु दर को लेकर ये फैसला किया गया है। साल 2022 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018-2020 में प्रति एक लाख जन्मों पर 195 मौतों के साथ असम में देश के सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर दर्ज की गई। असम में मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर के अधिक होने के पीछे कारण है बाल विवाह। यही वजह है कि सरकार इसकी रोकथाम के लिए इस अभियान को चला रही है।
असम सरकार ने पुलिस के साथ मिलकर इस अभियान को चलाने का फैसला किया है, जिस पर अमल भी हो चुका है। राज्य में हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जाने के बाद इनमें गिरफ्तारी भी शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में बाल विवाह को लगाम लगाने के लिए कई और गिरफ्तारियां भी की जा सकती है।
बाल विवाह को लेकर हुई गिरफ्तारी पर सीएम ने खुद एक रिपोर्ट साझा कि, जिसके अनुसार, बाल विवाह के सबसे अधिक मामले धुबरी जिले (370) दर्ज किए गए। वहीं, बोंगाईगांव में 123, दरंग में 125, गोलपारा में 157, होजई में 255, कोकराझार में 204, नागांव में 113, मोरीगांव में 224, तमिलपुर में 110 कछार में 35, डिब्रूगढ़ में 75 कामरूप में 80 और सबसे कम हैलाकांडी में केस दर्ज किए गए।
सरकार की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ शादी करना यौन संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आएगा। जो भी पुरुष 14 साल की लड़की के साथ शादी करेगा और संबंध बनाएंगा उस पर पॉस्को एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।