नई दिल्ली: 1220 करोड़ रुपये की लागत से असम में कराई गई एनआरसी प्रक्रिया में 19 लाख से अधिक लोगों को अंतिम सूची में जगह नहीं मिली थी लेकिन उसमें से केवल 1032 लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
असम एनआरसी के संयोजक ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी और बताया कि ये सिफारिशें संबंधित जिले के आयुक्तों को भेज दी गई हैं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, जवाब में कहा गया है कि अब तक (नागरिकता) खारिज करने की कोई पर्ची जारी नहीं की गई है और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 की अनुसूची 4 (ए) 4 के खंड 7 के अनुसार, अंतिम एनआरसी अभी आरजीआई द्वारा प्रकाशित किया जाना बाकी है।
गृह मंत्रालय के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने इस साल 23 मार्च को असम सरकार से कहा था कि अंतिम मसौदे से बाहर किए गए लोगों की नागरिका को खारिज करने की पर्ची जारी करना तेजी से पूरा किया जाएगा।
जवाब में कहा गया है कि एनआरसी के प्रकाशन का कुल बजट 1602.66 करोड़ रुपये था।
एनआरसी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने वाली भाजपा की असम सरकार ने अंतिम सूची को खारिज कर दिया है. उसकी मांग है कि बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले 30 फीसदी नामों और बाकी हिस्सों के 10 फीसदी नामों का दोबारा सत्यापन किया जाए।
इसके बाद एनआरसी समन्वयक ने मई में सूची के पुन: सत्यापन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।