असम: नागरिकता साबित करने की लड़ाई के बीच शख्स ने आत्महत्या की, एनआरसी में शामिल हुआ था नाम

By विशाल कुमार | Updated: February 3, 2022 07:47 IST2022-02-03T07:44:29+5:302022-02-03T07:47:39+5:30

अधिकारियों ने बताया कि बोरखाल गांव के मणिक दास के परिवार ने दावा किया है कि दास को, अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए अधिकरण की कार्यवाही का सामना करने के दौरान मानसिक प्रताड़ना और परेशानी झेलनी पड़ी, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली।

assam-man-fighting-legal-battle-at-foreigners-tribunal-even-after-his-name-was-in-nrc-dies-by-suicide | असम: नागरिकता साबित करने की लड़ाई के बीच शख्स ने आत्महत्या की, एनआरसी में शामिल हुआ था नाम

असम: नागरिकता साबित करने की लड़ाई के बीच शख्स ने आत्महत्या की, एनआरसी में शामिल हुआ था नाम

Highlightsमणिक दास के परिवार ने दावा किया है कि दास को मानसिक प्रताड़ना और परेशानी झेलनी पड़ी।बेटे ने कहा कि नाम असम एनआरसी में आने के बाद उन्हें नोटिस भेजा गया था।

मोरीगांव (असम): राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में नाम होने के बावजूद विदेशी (नागरिक)अधिकरण में मुकदमा लड़ रहे 60 वर्षीय एक व्यक्ति ने कथित तौर पर मोरीगांव जिले में आत्महत्या कर ली। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि बोरखाल गांव के मणिक दास के परिवार ने दावा किया है कि दास को, अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए अधिकरण की कार्यवाही का सामना करने के दौरान मानसिक प्रताड़ना और परेशानी झेलनी पड़ी, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कहा कि दास रविवार से लापता थे और मंगलवार शाम को उसके घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ उनका शव मिला।

उनके बेटे कार्तिक दास ने कहा कि एनआरसी प्रकाशित होने और हमारे सभी नाम असम एनआरसी में आने के बाद उन्हें नोटिस भेजा गया था। हमें नहीं पता कि पुलिस ने उन्हें नोटिस क्यों भेजा और मामला दर्ज किया। मेरे पिता का नाम एनआरसी में आया था। पूरी प्रक्रिया के कारण वह निराश हो गया और उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। 

उन्होंने सवाल उठाया कि असम एनआरसी में जगह बनाने वालों को अगर विदेशी या बांग्लादेशी माना जाता है तो एनआरसी कराने का क्या फायदा?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, माणिक दास के अंतिम एनआरसी दस्तावेज से पता चलता है कि वह और उनके परिवार के सदस्य वास्तव में असम एनआरसी में शामिल थे। अगस्त 2019 में असम एनआरसी प्रकाशित होने के महीनों बाद, उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल का नोटिस 20 नवंबर, 2019 को जारी किया गया था।

असम सीमा पुलिस ने दास के खिलाफ 2004 में एक विदेशी होने का संदेह करते हुए एक मामला दर्ज किया था और उन्हें नोटिस देने में 15 साल लग गए।

मोरीगांव के पुलिस अधीक्षक अपर्णा नटराजन ने कहा कि उनके परिवार ने 30 जनवरी को जगी रोड थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था, अगले दिन उसका शव मिला था। पोस्टमॉर्टम हो चुका है। हमने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है और कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।

Web Title: assam-man-fighting-legal-battle-at-foreigners-tribunal-even-after-his-name-was-in-nrc-dies-by-suicide

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे