कछारः अमस में बाढ़ ने 27 जिलों में भयंकर तबाही मचाई हुई है। इस आपदा में 7 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे में कछार जिले की उपायुक्ता आईएएस कीर्ति जल्ली मीडिया की सुर्खियों में हैं। बाढ़ को लेकर दफ्तर में मीटिंग करने के बजाय वह बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं।
इस बीच की उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसमें वह नंगे पैर कीचड़ में लोगों की मदद करती नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों को साझा करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स उनकी काफी तारीफ कर रहे हैं। तस्वीरों में उन्हें साड़ी पहने कीचड़ भरे इलाकों में घूमते हुए देखा जा सकता है।
तस्वीरें और वीडियो शुरू में जिला प्रशासन के फेसबुक पेज पर साझा किए गए थे। IAS अधिकारी कीर्ति जल्ली लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन रही हैं। एक तस्वीर में वह एक महिला के साथ कीचड़ में चल रही हैं और महिला उनको सहारा भी दे रही है। वह लोगों को राहत सामग्री भी बांटती दिख रही हैं। इसके साथ ही नाव पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित इलाके का मुआयना भी किया।
जिला उपायुक्त ने कहा कि स्थानीय लोगों ने बताया कि वे पिछले 50 वर्षों से एक ही समस्या का सामना कर रहे हैं और हमने सोचा कि हमें वहां जाने और वास्तविक मुद्दों को देखने की जरूरत है। और उसके लिए सबसे अच्छा समय बाढ़ के दौरान होता है। वहीं गांव के लोगों ने भी कहा कि यह पहली बार है जब कोई जिला उपायुक्त उनके गांव का दौरा कर रहा है। गांव के लोगों ने अधिकारी को बराक नदी के उफान से आने वाली बाढ़ और उसके कारण हर साल होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। जिसपर उपायुक्त ने कहा कि वे गांवों की सुरक्षा पर जोर देने जा रही हैं ताकि भविष्य में नुकसान को कम किया जा सके।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलनों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। प्राधिकरण ने बताया कि कछार, दिमा हसाओ, हैलीकांडी, होजाई, कार्बी आंगलोंग, वेस्ट मोरीगांव और नौगांव जिलों में बाढ़ से 5,61,100 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा नौगांव प्रभावित है जहां 3.68 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। वही कछार जिले में करीब 1.5 लाख और मोरीगांव में 41,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।