असम सरकार ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर तत्काल पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा, असम ने केंद्र सरकार से पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर तत्काल पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हिजाब मुद्दे के कारण नहीं, यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, बल्कि विध्वंसक गतिविधियों और कट्टरपंथ में उनकी सीधी भागीदारी के कारण है।
हाल ही में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था, अगर आप हिजाब पहन कर जाते हो तो टीचर को कैसे पता चलेगा कि कोई छात्र समझ रहा है या नहीं। अगर मुसलमान को अभी सबसे ज्यादा जरूरत है तो शिक्षा की जरूरत है। हिजाब की जरूरत नहीं है।
मालूम हो कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल में गहरी हैं। लेकिन इसका मुख्यालय दिल्ली में बताया जाता है।
कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद में पीएफआई की भूमिका की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि इस विवाद में हम कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की भूमिका की जांच कर रहे हैं। सीएफआई PFI की छात्र शाखा है, इसलिए हम पीएफआई पर बैन से इनकार नहीं कर सकते।