असम फेक एकाउंटरः आर्मी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पूर्व मेजर जनरल समेत सात को उम्रकैद
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 15, 2018 09:11 AM2018-10-15T09:11:37+5:302018-10-15T09:11:37+5:30
मेजर जनरल एके लाल पर साल 2007 में भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें इंफेंट्री डिवीजन से हटा दिया गया था।
नई दिल्ली/गुवाहाटी, 15 अक्टूबरः आर्मी कोर्ट ने फेक एनकाउंटर के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पूर्व मेजर जनरल समेत सात सैन्यकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला असम के डिब्रूगढ़ जिले के डिंजन स्थित 2 इन्फैन्ट्री माउंटेन डिविजन में हुए कोर्ट मार्शल में सुनाया गया। हालांकि उच्च स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1994 में असम के तिनसुकिया इलाके से असम स्टू़डेंट यूनियन के पांच कार्यकर्ताओं को उठा लिया गया था। इनके नाम थे प्रबीन सोनोवाल, प्रदीप दत्ता, देबाजीत बिस्वास, अखिल सोनोवाल और भाबेन मोरन। इन्हें एक फेक इनकाउंटर में मार गिराया गया।
इस फेक एनकाउंटर मामले में 24 साल बाद आर्मी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन सात लोगों को दोषी ठहराया गया है उनमें मेजर जनरल एके लाल, कर्नल थॉमस मैथ्यू, कर्नल आर.एस. सिबिरेन शामिल हैं। इसके अलावा दिलीप सिंह, जगदेव सिंह, अलबिंदर सिंह और शिवेंदर सिंह भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आर्मी कोर्ट के इस फैसले को आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में अपील किया जा सकता है।
मेजर जनरल एके लाल पर साल 2007 में भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें इंफेंट्री डिवीजन से हटा दिया गया था। एक महिला सहकर्मी ने योग सिखान के बाद दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। 2010 में उनका कोर्ट मार्शल हुआ और सेवा से हटा दिया गया। हालांकि रिटायरमेंट के बाद के लाभों को बहाल रखा गया था।