नई दिल्ली: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए उन्हें नकली बताया है और गांधी सरनेम छोड़ने की सलाह दी है।
अक्सर कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमलावर रहने वाले हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बार राहुल गांधी को अपना निशाना बनाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। असम सीएम ने कहा कि गांधी परिवार डुप्लिकेट के सरदार है और उन्होंने बहुत सारे घोटाले किए हैं।
दरअसल, असम के सीएम ने गुवाहाटी में बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए रविवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उनका सबसे पहला घोटाल गांधी उपनाम रखने से शुरू हुआ है। उन्होंने केवल परिवारवाद किया और देश को तोड़ने का काम किया। मैं राहुल गांधी से गांधी उपनाम को हटाने का अनुरोध करता है। उन्होंने कहा कि आप सरदार ऑफ डुप्लिकेट्स हैं गांधी जी ने हमें आजादी दिलाई और इन्होंने उपनाम छीन लिया। यह सभी नकली गांधी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने लंबे समय तक शोध किया कि इंदिरा, प्रियंका, राजीव, राहुल किस फॉर्मूले से गांधी बने लेकिन मुझे इस बारे में कुछ नहीं मिला। अगर कोई डाकू गांधी उपनाम का इस्तेमाल करता है तो वह साधु नहीं बन जाता।
इसके अलावा सीएम सरमा ने दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में 'दिल्ली घोषणा' को मंजूरी देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और इसकी सफलता का श्रेय पूरी तरह से उनके नेतृत्व को दिया।
इंडिया गठबंधन पर किया तीखा हमला
हिमंत बिस्वा सरमा ने तमाम विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया पर भी तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि जब वोट इकट्ठा करने का समय आता है, तो कांग्रेस के लोग भारत जोड़ो यात्रा निकालते हैं। जब कर्नाटक चुनाव समाप्त हुआ, तो वे भारत बन गए। वे कहते हैं कि अब हम भारत हैं...मैंने उनसे कहा कि वे डुप्लिकेट के नेता थे।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले, गांधी जी ने भारत को आजादी दिलाई। फिर आपने गांधी उपनाम पकड़ लिया और आप सभी डुप्लीकेट गांधी बन गए... भारत में पहला घोटाला यह 'टाइटल' घोटाला था... वे बनना चाहते हैं भारत देश पर कब्ज़ा करके। अगर कोई डाकू कल को गांधी उपनाम ले लेगा तो क्या वह साधु बन जाएगा? आपने भारत नाम अपनाकर पाप किया क्योंकि आपने कभी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे भारत का नाम रोशन हो...आपको इसका अधिकार नहीं है 'इंडिया' नाम लें, 'भारत' नाम लेने की तो बात ही छोड़ दें... मेरा विनम्र अनुरोध है, कम से कम राहुल गांधी को 'गांधी' उपनाम हटा देना चाहिए। वह भी एक डुप्लिकेट शीर्षक है।"