पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अस्थियां सोमवार को यहां हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर दी गयीं। जेटली (66) का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। वह यहां नौ अगस्त से भर्ती थे।
जेटली के पुत्र रोहन ने गंगा तट पर विधिवत पूजा अर्चना कर उनकी अस्थियां मोक्षदायिनी गंगा नदी में प्रवाहित कीं। इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, योग गुरु रामदेव, राज्य विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के अलावा प्रदेश भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।
अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने के बाद उसे पूरे दिन के लिए स्थगित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने पूरे दिन के लिए सदन को स्थगित करने से पहले कहा, ‘‘ राष्ट्र ने एक महान नेता खो दिया।’’
इस दौरान सदन में दो मिनट का मौन धारण भी किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जेटली न सिर्फ भाजपा के नेता थे बल्कि एक राष्ट्रीय नेता भी थे। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, माकपा विधायक राकेश सिंघा, राज्य में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखु, शिक्षा एवं संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश भारद्वाज और उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने जेटली को श्रद्धांजलि दी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली का निधन शनिवार को एम्स में हो गया। उन्हें नौ अगस्त को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती किया गया था। जेटली का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट में किया गया। इस दौरान भाजपा सहित विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे।
जेटली राजनीतिक दिग्गज, देश के लिए अमूल्य संपत्ति थे: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली को रविवार को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ऐसी विराट शख्सियत करार दिया जिनकी प्रेरणादायी और बौद्धिक उपस्थिति देश के लिए एक अमूल्य संपत्ति थी।
बिरला निगमबोध घाट पर मौजूद थे जहां जेटली का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बिरला ने कहा जेटली ने भारतीय राज्य-व्यवस्था और राष्ट्र निर्माण पर गहरा प्रभाव डाला, जिसने न केवल शासन के मूल सिद्धांतों को परिभाषित किया, बल्कि आम आदमी के जीवन को भी प्रभावित किया।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान में बिरला के हवाले से कहा गया, "अरुणजी एक विराट शख्सियत थे जिनकी प्रेरणादायी और बौद्धिक उपस्थिति देश के लिए एक अमूल्य संपत्ति थी। एक राजनीतिक दिग्गज, जिसने राजनीतिक विभाजनों के बीच आदर और विश्वास अर्जित किया।" बिरला ने कहा कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री को उनकी संवेदनशीलता और मुद्दों की समझ के लिए भी याद किया जाएगा।