ओवैसी बोले- बाबरी मस्जिद की राह पर जा रहा ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला, पूजा स्थल अधिनियम का उद्देश्य विफल
By मनाली रस्तोगी | Published: September 12, 2022 08:24 PM2022-09-12T20:24:25+5:302022-09-12T20:26:41+5:30
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद पर फैसला सुनाया गया था, तो उन्होंने सभी को चेतावनी दी थी कि इससे देश में समस्याएं पैदा होंगी क्योंकि इसे आस्था के आधार पर पारित किया गया था।
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले से 'अस्थिर प्रभाव' पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि मामला बाबरी मस्जिद मुद्दे की तरह ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
इस मुद्दे पर हैदराबाद में पत्रकारों से बात करने वाले ओवैसी ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद पर फैसला दिया गया था, तो उन्होंने सभी को चेतावनी दी थी कि इससे देश में समस्याएं पैदा होंगी क्योंकि इसे विश्वास के आधार पर पारित किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद अस्थिरता का असर शुरू होगा। हम उसी रास्ते पर जा रहे हैं जिस रास्ते पर बाबरी मस्जिद का मुद्दा था।
ओवैसी ने ये भी कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी। मेरा मानना है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा। गौरतलब है कि जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 सितंबर तय कर दी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ संपत्ति बताते हुए कहा था कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है। इस मामले में पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं।