एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन के वास्ते पहल करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की साख पर गुरूवार को सवाल उठाते हुए कहा कि वह हाल तक और 2002 के ‘‘गुजरात दंगों’’ के दौरान भाजपा के एक समर्थक थे।उन्होंने कहा कि नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) उस समय नरेन्द्र मोदी सरकार का हिस्सा थी जब छात्र रोहित वेमुला, मोहम्मद अखलाक (लिंचिंग पीड़ित) की मौत हुई।ओवैसी ने ट्वीट किया,‘‘2002 में गुजरात दंगों के समय एनसीबीएन ने भाजपा का समर्थन किया। जब अखलाक, रोहित, जुनैद, अलीमुद्दीन की हत्या की गई तो उस समय वह पीएमओ इंडिया कैबिनेट के एक हिस्सा थे, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले के कार्यकाल के दौरान कई सांप्रदायिक दंगे हुए, मुठभेड़ में अजीज और आजम की हत्या हुई और अब वह धर्मनिरपेक्षता के रक्षक है। वाह।’’
तीसरे मोर्चे को एकजुट करने में लगे हैं नायडू
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद इस साल के शुरू में एनडीए से अलग होकर नायडू बीजेपी पार्टी के खिलाफ एकजुटता के साथ लड़ने के लिए गैर-बीजेपी दलों के नेताओं से बातचीत कर गठबंधन में लगे हैं। नायडू ने गुरूवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा के प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में मुलाकात की।
इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा के मुखिया अखिलेश यादव से भी मुलाकात की। इससे पहले नायडू 27 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से भेंट की थी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)