Asaduddin Owaisi: भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था और वह एक ‘ऐतिहासिक भूल’ थी, ओवैसी ने जानें क्यों कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2023 07:59 PM2023-10-16T19:59:03+5:302023-10-16T20:00:01+5:30

Asaduddin Owaisi: हैदराबाद से लोकसभा सदस्य और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत एक देश था और दुर्भाग्य से इसे बांट दिया गया जो नहीं होना चाहिए था।

Asaduddin Owaisi AIMIM chief Asaduddin Owaisi partition of India should never have happened and called it historical mistake | Asaduddin Owaisi: भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था और वह एक ‘ऐतिहासिक भूल’ थी, ओवैसी ने जानें क्यों कहा...

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Highlightsऐतिहासिक भूल के लिए एक पंक्ति का उत्तर नहीं दे सकता।कांग्रेस नेताओं के पास जाकर विभाजन के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने की अपील की थी।इस्लामिक विद्वानों ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया था।

Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था और वह एक ‘ऐतिहासिक भूल’ थी। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत एक देश था और दुर्भाग्य से इसे बांट दिया गया जो नहीं होना चाहिए था।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर आप चाहें तो एक बहस करा लें और मैं आपको बताऊंगा कि इस देश के बंटवारे के लिए कौन जिम्मेदार है। मैं उस समय हुई ऐतिहासिक भूल के लिए एक पंक्ति का उत्तर नहीं दे सकता।’’

वह समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खबरों में आए इस बयान पर पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे कि हिंदू महासभा की मांग पर भारत और पाकिस्तान बनाये गये थे, न कि मोहम्मद अली जिन्ना की मांग पर। ओवैसी ने स्वतंत्रता सेनानी और भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुस्तक ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ पढ़ने का सुझाव देते हुए कहा कि यह पढ़ा जाना चाहिए कि किस तरह उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नेताओं के पास जाकर विभाजन के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने की अपील की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था। वह गलत था। उस समय के सारे नेता... वो सभी जिम्मेदार थे।’’ ओवैसी ने यह दावा भी किया कि उस समय के इस्लामिक विद्वानों ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया था।

एआईएमआईएम अध्यक्ष ओवैसी ने बीआरएस के घोषणापत्र की तारीफ की

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को जारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के घोषणापत्र की प्रशंसा करते हुए सोमवार को कहा कि इससे गरीबों का फायदा होगा। ओवैसी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कुल मिलाकर मुझे लगता है कि यह घोषणापत्र ऐसा है जो वास्तव में तेलंगाना के उन लोगों को फायदा पहुंचाएगा जो महंगाई और हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गलत आर्थिक नीतियों से जूझ रहे हैं। यह घोषणापत्र इन सभी आर्थिक कारकों, देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि यदि बीआरएस पार्टी इसे जोर शोर से तेलंगाना की आम जनता तक लेकर जाती है तो इससे उन्हें निश्चित रूप से फायदा होगा।’’ ओवैसी ने कहा कि बीआरएस सरकार ने पिछले नौ साल में कुछ वादों को पूरा किया है जो उसने तेलंगाना की जनता से किये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘अब राज्य में बिजली की कोई समस्या नहीं है, लोगों को पीने का साफ पानी मिल रहा है और लाखों एकड़ जमीन पर सिंचाई हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि शहर शांतिपूर्ण रहा है और यहां अब सांप्रदायिक दंगे नहीं होते। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने उम्मीद जताई कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव एक बार फिर सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में और तेलंगाना के अन्य शहरी इलाकों में विकास दिखाई दे रहा है।

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