असद अहमद एनकाउंटर: बाइक से मध्य प्रदेश की ओर भागने की थी तैयारी, 42 राउंड चली गोलियां, जानिए झांसी तक कैसे पहुंचा अतीक अहमद का बेटा
By विनीत कुमार | Published: April 13, 2023 03:40 PM2023-04-13T15:40:41+5:302023-04-13T15:45:03+5:30
असद अहमद को यूपी पुलिस की टीम ने एक एनकाउंटर में मार गिराया है। असद को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही पुलिस खोज रही थी। उसका एनकाउंटर झांसी में हुआ।
नई दिल्ली: माफिया अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल मर्डर में मोस्ट वांटेड असद अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया। असद अहमद के साथ-साथ इसी मामले में एक और वांटेड गुलाम को भी पुलिस ने मार गिराया। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये इनाम थे। उमेश पाल हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज में असद अहमद गोली चलाता हुआ नजर आया था। इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।
असद एनकाउंटर में चली 42 राउंड गोलियां
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मुठभेड़ के बारे में जानकारी साझा करते हुए पुलिस सूत्रों ने बताया कि डीएसपी रैंक के दो अधिकारियों के नेतृत्व में 12 लोगों की एक टीम इस पूरे ऑपरेशन में शामिल थी। झांसी के बबीना रोड पर गुरुवार दोपहर हुई मुठभेड़ के दौरान कुल 42 राउंड फायरिंग की गई। ये मुठभेड़ उस दिन हुई जब अतीक अहमद को उमेश पाल हत्या के मामले में अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
Details of #Asadahmad ‘s encounter
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) April 13, 2023
2 foreign made revolver recovered @ndtv pic.twitter.com/KQzN10Cfng
मध्य प्रदेश की ओर भागने की थी असद की कोशिश
पुलिस सूत्रों के अनुसार उमेश पाल की हत्या के बाद असद अहमद भागकर लखनऊ पहुंच गया था। बाद में वह दिल्ली पहुंचने से पहले कानपुर और फिर मेरठ गया था। दिल्ली में असद करीब 15 दिनों तक रहा था। इसके बाद दोनों ने मध्य प्रदेश भागने का फैसला किया। वह झांसी पहुंचा था और बाइक से राज्य की सीमा की ओर जा रहा था। इसी बीच पुलिस ने उसे रोक लिया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि उनका एक मुखबिर अतीक अहमद के गिरोह में था जिसने उन्हें असद के ठिकाने के बारे में बताया था।
सूत्रों के अनुसार झांसी में अतीक अहमद के कई करीबियों के होने की जानकारी यूपी एसटीएफ को मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम वहां सक्रिय हो गई थी और मददगारों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी की गई थी। झांसी में अतीक अहमद के पुराने करीबियों ने असद और गुलाम को पनाह दी थी।