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Arvind Kejriwal Arrest Controversy: "नैतिकता के आधार पर केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए", सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 3, 2024 11:01 IST

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अजय रस्तोगी ने कहा कि यह 'सार्वजनिक नैतिकता' की मांग है कि अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद छोड़ देंआरोप के बाद जयललिता, लालू यादव, हेमंत सोरेन ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद छोड़ा था कोई हिरासत में बैठे मौजूदा मुख्यमंत्री के पास दस्तखत कराने के लिए कागज कैसे ले जा सकता है

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अजय रस्तोगी ने दिल्ली के गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद द्वारा तिहाड़ जेल से सरकार चलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रिटायर्ड जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि यह 'सार्वजनिक नैतिकता' की मांग है कि मुख्यमंत्री के पद से अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए। चूंकि उनका नाम भी शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आ चुका है, इसलिए हिरासत में रहते हुए मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का पालन नैतिक रूप से सही नहीं है।

समाचार वेबसाइट इडिया टुडे के अनुसार पूर्व जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा, "हिरासत में बंद व्यक्ति का पद पर बने रहना अच्छा नहीं है। इसलिए अच्छा होगा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें।"

पूर्व जज ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के संबंध में कहा, ''आप मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर हैं और यह एक सार्वजनिक कार्यालय है। अगर वो हिरासत में हैं, तो यह लगता है कि हिरासत में रह रहे व्यक्ति के लिए मुख्यमंत्री का पद संभालना उचित नहीं है और यह सार्वजनिक नैतिकता की मांग है कि व्यक्ति को खुद पद छोड़ देना चाहिए।"

पूर्व न्यायमूर्ति रस्तोगी ने अपनी बात को पुख्ता बनाने के लिए तमिलनाडु की जे जयललिता, बिहार के लालू प्रसाद यादव और झारखंड के हेमंत सोरेन का उदाहरण दिया, जिन्होंने संबंधित मामलों में आरोपी ठहराए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा, "आप हिरासत में बैठे किसी मौजूदा मुख्यमंत्री के पास कोई कागज नहीं ले जा सकते और उससे उस पर हस्ताक्षर नहीं करवा सकते। मैं इस बात पर दृढ़ हूं कि सार्वजनिक नैतिकता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करती है।"

पूर्व न्यायाधीश ने कहा, "अगर कोई सरकारी कर्मचारी 48 घंटे तक हिरासत में है, तो कोई भी उसकी हिरासत की योग्यता की जांच नहीं करेगा। उसे निलंबित माना जाता है। यहां  तो अरविंद केजरीवाल कई दिनों से हिरासत में हैं और भगवान ही जानता है कि वो अभी कितने और अधिक समय तक हिरासत में रहेंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ इसलिए कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि हिरासत में मुख्यमंत्री पद पर बने व्यक्ति को हटाया नहीं जा सकता है, आपको नैतिक रूप से सीएम बने रहने का अधिकार मिल जाता।"

टॅग्स :अरविंद केजरीवालप्रवर्तन निदेशालयसुप्रीम कोर्ट
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