मशहूर लेखिका अरुंधति राय ने भारत और पाकिस्तान की सेना पर दिए आपत्तिजनक बयान के लिए करीब एक दशक बाद माफी मांगी है। उन्होंने अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उस वक्त जो कहा जरूरी नहीं कि आज भी वैसा ही सोचती हूं। 'द प्रिंट' को दिए एक बयान में अरुंधति ने कहा कि अगर मेरे बयान के किसी भी हिस्से से किसी भी तरह का भ्रम हुआ हो तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं।
सोशल मीडिया पर 2011 का एक वीडियो खूब चर्चा में है जिसमें अरुंधति रॉय विवादित टिप्पणी कर रही हैं। वायरल मीडिया में अरुंधति बोल रही हैं कि कश्मीर, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में हमारी सेना लड़ रही है। उन्होंने कहा था कि भारत ने अपनी सेना अपने ही लोगों के खिलाफ तैनात की है। इस तरह तो पाकिस्तान ने भी कभी अपनी सेना को नहीं लगाया।
इस बयान पर सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना हुई। लोगों ने उन्हें डबल स्टैंडर्ड वाली शख्सियत करार दिया। पाकिस्तान और बांग्लादेश में #ArundhatiRoy ट्रेंडिंग रहा। अरुंधति राय के भी कई समर्थकों ने भी कहा कि उनकी टिप्पणी ने निराश किया है।
ढाका ट्रिब्यून ने भी अरुंधति रॉय की इस टिप्पणी की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अपने संपादकीय में लिखा कि अरुंधति हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज मानी जाती हैं लेकिन अपने बयान में उन्होंने पाकिस्तानी सेना के ईस्ट पाकिस्तान पर किए अत्याचार को भुला दिया।