Article 370: "सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रयासों से लागू हुआ अनुच्छेद 370, नेहरू तो संसद की बैठक के समय अमेरिका में थे", फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा को घेरते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 12, 2023 02:44 PM2023-12-12T14:44:37+5:302023-12-12T14:54:26+5:30
भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में दशकों तक लागू रही धारा 370 के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दोषी ठहराए जाने पर तीखा हमला करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक कहा कि भाजपा वालों को थोड़ा भी इतिहास के बारे में पता नहीं है।
नई दिल्ली: भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में दशकों तक लागू रही धारा 370 के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दोषी ठहराए जाने पर तीखा हमला करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा वालों को थोड़ा भी इतिहास के बारे में पता नहीं है।
फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को दावा किया कि भाजपा वालों को जानना चाहिए कि संसद से जम्मू-कश्मीर के लिए जब अनुच्छेद 370 का विशेष प्रावधान के लिए बैठक हो रही थी तो उस वक्त देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू अमेरिका में थे।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अब्दुल्ला ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू कराने में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विशेष योगदान था और दोनों नेता पटेल और मुखर्जी 370 के तहत राज्य को विशेष संवैधानिक विशेषाधिकार देने की प्रक्रिया में शामिल थे।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि भाजपा वालों के मन में पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ इतना जहर क्यों है। नेहरू अनुच्छेद 370 लागू करने के लिए जिम्मेदार नहीं थे। जब अनुच्छेद 370 लाया गया था तो उस वक्त संसद में सरदार पटेल और और श्यामा प्रसाद मुखर्जी मौजूद थे और उसके पक्ष में थे, जबकि नेहरू तो उस समय अमेरिका मे थे।"
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को जम्मू-कश्मीर में तत्काल चुनाव कराने का निर्देश देगा।
मालूम हो कि बीते सोमवार को देश की शीर्ष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले सुनाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने सही ठहराते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो अगले साल सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव संपन्न कराएं।
इस मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम चाहते हैं कि कश्मीर में तत्काल चुनाव हों लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सितंबर तक का समय दिया। यह कहां का न्याय है?"
इस सवाल पर कि क्या केंद्र को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस भारत में लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ''उन्हें जरूर पीओके लेना चाहिए। उन्हें कौन रोक रहा है? सरकार को निर्णय लेना है। हम कौन होते हैं निर्णय लेने वाले?"