जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया था। इसके बाद राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं। इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जवाब देते हुये विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। राज्यसभा में बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को लेकर काफी हंगामा मचा। राज्यसभा में बहस के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सरदार पटेल को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके जवाब में अमित शाह ने कहा, सरदार पटेल कभी कश्मीर मुद्दे के समाधान में शामिल नहीं रहे। अमित शाह ने सरदार पटेल पर गलत आरोप के लिए संज्ञान लेने की मांग की।
कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा था, 'हम समझते हैं कि नेहरू की वजह से कश्मीर हमारे पक्ष में आया। अगर रेडक्लिफ अवॉर्ड न होता और गुरदासपुर हमारे पास न होता तो और मैजॉरिटी का सिद्धांत माना जाता तो शायद यह राज्य हमारे पक्ष में न आता। उस वक्त सरदार पटेल होम मिनिस्टर थे और वही यहां 370 लेकर आए।' जिसका जवाब देते हुये अमित शाह ने कहा, 'सरदार पटेल कभी कश्मीर मुद्दे के समाधान में शामिल नहीं रहे। अगर वो शामिल होते ये हाल नहीं होता।'
अमित शाह ने कहा, 'सरदार पटेल ने जूनागढ़ और हैदराबाद का मामला डील किया था और नतीजा आप सबके सामने हैं। वे वे सब भारत का हिस्सा हैं, वहां 370 भी नहीं है, लेकिन कश्मीर को जवाहर लाल नेहरू ने डील किया था और हालात ऐसे हैं।'
अमित शाह ने कहा, 'पंडित नेहरू ने भी कहा था कि 370 घिसते-घिसते घिस जाएगा। लेकिन कुछ लोगों ने 370 को संभालकर रखा। विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा कि ये जो 370 के एडवोकेट हैं, इनसे जरा पता करिए कि इनके बेटे कहां पढ़ते हैं? इनसे कहिए कि ये भी अपने बेटों को घाटी में रखकर पढ़ाएं तो जानें।'
अमित शाह ने पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए कहा, 'ऐसे फैसले लेने के लिए उचित समय की जरूरत नहीं बल्कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए होती है। बड़े और कड़े फैसले लेने का जिगर होना चाहिए और मुझे गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में ये सब है।' अमित शाह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर भारत मुकुट मणि है इस बात से हमारा कोई मतभेद नहीं है। कश्मीर भारत का स्वर्ग था, है और हमेशा रहेगा।'
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। शाह ने राज्य सभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। कश्मीर में धारा 144 लागू है और महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है।