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Article 370: कश्मीर में हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज खोलने का खतरा मोल लेगी मोदी सरकार, बढ़ सकती है पत्थरबाजी

By सुरेश डुग्गर | Updated: October 2, 2019 11:27 IST

एक सुरक्षाधिकारी का कहना है, 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले तथा कॉलेज के छात्र अक्सर पत्थरबाजी में लिप्त होते हैं और अगर उन्हें घरों से निकलने की अनुमति दी गई तो कश्मीर में पत्थरबाजी फिर से तेजी पकड़ लेगी।

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ठळक मुद्देरहीम कहते हैं, मेरा बच्चा स्कूल पहुंचा या नहीं, घर कब पहुंचेगा, कैसे जान पाउंगा जब संचार माध्यम ही बंद हैं। स्कूल व कॉलेज बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है

क्या कल से कश्मीर का माहौल बदल जाएगा? ऐसी उम्मीद और आशंका भी है क्योंकि प्रशासन ने सभी हायर सेकेंडरी स्कूलों को कल से खोलने की घोषणा की है और अगर सब ठीक रहा तो 9 अक्तूबर से कश्मीर के सभी कॉलेज भी खोल दिए जाएंगें।

हाईस्कूल तक की कक्षाओं का आयोजन पिछले एक महीने से किया जा रहा है पर इनमें शामिल होने वाले छात्र छात्राओं की संख्या अभी भी नगण्य है। कई कारण हैं इसके। सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित कर्फ्यू के चलते बच्चों का स्कूलों तक पहुंचना अभी भी असंभव है। गली-सड़क से निकलने पर सुरक्षाकर्मी कर्फ्यू पास की मांग करते हैं और सरकार बयान जारी कर कहती है कि कर्फ्यू है ही नहीं।

बच्चों को स्कूलों तक छोड़ने के लिए स्कूली वाहन या प्रायेवट वाहन भी सड़कों से नदारद हैं। ऐसे में अब हायर सेकेंडरी कक्षाओं में छात्र आएंगें क्या, सबसे बड़ा प्रश्न कश्मीर में यही है जो पिछले दो महीनों से कैद में है। 

अबी गुजर के रहने वाले रहीम कहते हैं, मेरा बच्चा स्कूल पहुंचा या नहीं, घर कब पहुंचेगा, कैसे जान पाउंगा जब संचार माध्यम ही बंद हैं। हालांकि संचारबंदी, लाकडाउन और अघोषित कर्फ्यू पाबंदियों के बीच कश्मीर में 3 अक्तूबर से हायर सेकेंडरी स्कूलों तथा 9 अक्तूबर से कालेजों की कक्षाएं लगाने के प्रशासन के फैसले में कई खतरे भी छुपे हैं।

नाम न छापने की शर्त पर एक सुरक्षाधिकारी का कहना है, 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले तथा कॉलेज के छात्र अक्सर पत्थरबाजी में लिप्त होते हैं और अगर उन्हें घरों से निकलने की अनुमति दी गई तो कश्मीर में पत्थरबाजी फिर से तेजी पकड़ लेगी।

वे मानते हैं कि स्कूल व कॉलेज बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है लेकिन उन्हें इस बात का भी डर है कि स्कूल कॉलेजों को खोलने से कश्मीर का माहौल खराब होगा। पत्थबाजी बढ़ेगी तथा अभिभावकों की जान सांसत में फंसी रहेगी।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरधारा ३७०
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