अनुच्छेद 370: जेपी नड्डा ने कहा- जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया लेकिन विधायिका की शक्तियां दीं, एससी सीटें गुर्जरों और बकरवालों के लिए आरक्षित होंगी
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: September 15, 2019 19:40 IST2019-09-15T19:18:25+5:302019-09-15T19:40:03+5:30
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने ठाणे में उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है लेकिन उन्हें एक विधायिका की शक्तियां दी गई हैं। वहां चुनाव होंगे, लेकिन इससे पहले हदबंदी होगी, एसटी सीटें घाटी और जम्मू दोनों में गुर्जरों और बकरवालों के लिए आरक्षित होंगी।''

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा। (फोटो- एएनआई)
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र के ठाणे में कहा, ''जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है लेकिन उन्हें एक विधायिका की शक्तियां दी गई हैं। वहां चुनाव होंगे लेकिन इससे पहले हदबंदी होगी, एसटी सीटें घाटी और जम्मू दोनों में गुर्जरों और बकरवालों के लिए आरक्षित होंगी।''
बता दें कि जेपी नड्डा अगले महीने शुरू हो रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। रविवार (15 सितंबर) को उन्होंने पनवेल और नवी मुंबई में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धि विनायक मंदिर में प्रार्थना की।
J P Nadda, BJP Working President in Thane: J&K has been made a Union Territory but they have been given the powers of a legislature. There will be elections, but before that there will be delimitation, ST seats will be reserved for Gujjars and Bakarwals in both Valley and Jammu. pic.twitter.com/gx5CyAhQOV
— ANI (@ANI) September 15, 2019
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले महीने की पांच तारीख को निष्प्रभावी कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बदले का एलान किया था और लद्दाख को अलग राज्य बनाने की घोषणा की थी।
जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत सरकार के फैसले के 42वें दिन भी घाटी में हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो सके हैं। हालात को देखते हुए विरोधी लगातार सवाल उठा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार की आगे की योजना क्या है और उसे कब लागू किया जाएगा। इधर महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव एकदम सिर पर हैं, ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार की जम्मू-कश्मीर को लेकर क्या स्तिथि होगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।