लाइव न्यूज़ :

अनुच्छेद 370ः बिरला ने कहा- भारतीय नागरिक लम्बे समय से "एक देश, एक संविधान" की मांग कर रहे थे

By भाषा | Updated: August 29, 2019 20:14 IST

बिरला ने कहा, "अनुच्छेद 370 के मामले में संसद में सारगर्भित तरीके से चर्चा हुई और मतविभाजन हुआ। इसके बाद हुए निर्णय के आधार पर सरकार ने (जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर) अच्छा कानून बनाया।"

Open in App
ठळक मुद्देलोकसभा में सरकार जो भी विधेयक लाती है, उस पर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास होता है।लोकतंत्र की यही पहचान है कि किसी विषय पर सहमति और असहमति से जुड़े दोनों पक्ष सदन में रहते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए सरकार ने इस सरहदी सूबे के पुनर्गठन के मामले में अच्छा कानून बनाया है, क्योंकि भारतीय नागरिक लम्बे समय से "एक देश, एक संविधान" की मांग कर रहे थे।

बिरला ने कहा, "अनुच्छेद 370 के मामले में संसद में सारगर्भित तरीके से चर्चा हुई और मतविभाजन हुआ। इसके बाद हुए निर्णय के आधार पर सरकार ने (जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर) अच्छा कानून बनाया।"

उन्होंने कहा, "एक देश, एक संविधान की मांग लोग बरसों से कर रहे थे। इसलिये जम्मू-कश्मीर को लेकर नया कानून अमल में लाया गया है।" जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक हालिया बयान से खड़े हुए विवाद और पाकिस्तान द्वारा इस बयान का फायदा उठाने की कथित कोशिश के बारे में पूछे गये सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल का नाम लिये बगैर कहा, "लोकसभा में सरकार जो भी विधेयक लाती है, उस पर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास होता है क्योंकि सदन के हर सदस्य को अभिव्यक्ति की आजादी है।

लोकतंत्र की यही पहचान है कि किसी विषय पर सहमति और असहमति से जुड़े दोनों पक्ष सदन में रहते हैं।" बिरला ने देश की राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों और विधान परिषदों के सभापतियों के नयी दिल्ली में कल बुधवार को आयोजित सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिये विधायी निकायों को जनता के प्रति और जवाबदेह बनाने के साझे प्रयास शुरू कर दिये गये हैं।

उन्होंने राज्य विधानसभाओं के सत्रों की सतत घटती अवधि पर चिंता जताते हुए कहा, "विधानसभाओं के सत्रों की अवधि बढ़नी चाहिये। इन सदनों के सदस्यों को बगैर किसी बाधा के अपनी बात कहने का ज्यादा समय और अवसर मिलना चाहिये।"

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया, "सामूहिक रूप से निर्णय किया गया है कि विधानसभाओं के अध्यक्षों और विधान परिषदों के सभापतियों की दो समितियां बनायी जायेंगी। ये समितियां सभी संबंधित पक्षों से चर्चा कर एक आचार संहिता बनाने का खाका तैयार करेंगी, ताकि राज्यों में विधायी निकायों के सत्र बिना किसी बाधा के लम्बे समय तक चल सकें और इनके सदस्यों को अपनी बात कहने का अधिकतम मौका मिल सके।"

मीडिया से बातचीत से पहले, बिरला का इंदौर के प्रबुद्ध नागरिकों, भाजपा नेताओं और माहेश्वरी समुदाय के लोगों ने सम्मान किया। वह लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी आये थे। 

टॅग्स :धारा ३७०जम्मू कश्मीरओम बिरलामोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट