23वें कारगिल विजय दिवस पर सेना ने याद किया अपने 527 शहीद सपूतों को

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 26, 2022 16:53 IST2022-07-26T16:47:49+5:302022-07-26T16:53:09+5:30

सेना ने तेइस साल पहले ऊंची व दुर्गम चोटियों पर पाकिस्तान के खिलाफ विपरीत हालात में लड़े गए करगिल युद्ध के 527 नायकों को करगिल विजय दिवस पर याद किया।

Army remembers its 527 martyr sons on 23rd Kargil Vijay Diwas | 23वें कारगिल विजय दिवस पर सेना ने याद किया अपने 527 शहीद सपूतों को

फाइल फोटो

Highlightsकरगिल विजय दिवस पर सेना के हेलिकॉप्टर ने द्रास वार मेमोरियल पर फूल बरसाये करगिल युद्ध के दौरान सेना ने टाइगर हिल, टोलोलिंग, मुश्कोह वैली व लोमोचन टॉप को वापस छीना था 23वें करगिल विजय दिवस पर कई शहीदों के परिजन सरहद पर पहुंचे और अपनों को याद किया

जम्मू: करगिल विजय दिवस की वर्षगांठ पर द्रास में समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना का हर जवान देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है। किसी भी चुनौती का सामना करने और किसी भी शहादत के लिए सेना हमेशा तैयार हैं।

तेइस साल पहले ऊंची व दुर्गम चोटियों पर विपरीत हालात में लड़े गए करगिल युद्ध की यादें मंगलवार को करगिल विजय दिवस पर ताजा हो गई। भारतीय सेना के जवानों की वीरता की प्रतीक करगिल की चोटियों में द्रास में स्थित करगिल वार मेमोरियल में मंगलवार सुबह भारतीय सेना के चीता हेलीकाप्टरों ने फूल बरसाकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देते शहीद हुए सेना के अधिकारियों व जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी करगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मैं हमारे अमर वीरों के मूल्य और साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने हमारे महान राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी।

जम्मू कश्मीर व लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भी शहीदों को सलामी दी। इस मौके पर उन्होंने सैनिकों को अपने शहीदों से प्रेरणा लेते हुए देश सेवा जारी रखने के लिए कहा।

आर्मी कमांडर के साथ भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों व सेना की माउंटेन डिवीजन के जीओसी ने शहीदों को शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए। इस मौके पर करगिल हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिल फिराज खान व लद्दाख प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

फूलों से सजाए गए द्रास वार मेमोरियल में हेलीकाप्टरों से फूल बरसाने के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में लाइट एंड साउंड के जरिए करगिल युद्ध की यादों को भी ताजा कर दिया। वर्ष 1999 के उस मंजर को ताजा किया गया जब भारतीय सैनिकों ने बुलंद हौसले के साथ करगिल की चोटियों पर बैठे दुश्मन पर करारा आघात कर उसे मार भगाया था। करगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल, टोलोलिंग, मुश्कोह वैली व लोमोचन टाप जैसी चोटियों को जीतने के लिए लड़ी गई थी।

मालूम हो कि तेइस साल पहले लड़े गए करगिल युद्ध में भारतीय सेना के कुल 527 वीर शहीद हुए थे। भारतीय सेना व वायुसेना ने मिलकर दुश्मन पर कड़े प्रहार करते हुए पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया था। ऐसे में 23वें करगिल विजय दिवस में कई शहीदों के परिवार भी पहुंचे हैं। करगिल विजय दिवस के मुख्य कार्यक्रम में मंगलवार को 14 वीर नारियां, 2 वीर माताएं व करगिल युद्ध के दस नायकों के साथ कई पूर्व सैनिकों ने हिस्सा लिया।

Web Title: Army remembers its 527 martyr sons on 23rd Kargil Vijay Diwas

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