लद्दाख सीमा पर तनावः एलएसी पहुंचे थलसेना प्रमुख नरवाणे, सेनाध्यक्ष को अपने बीच पाकर गलवान वैली के बहादुरों का सीना हुआ चौड़ा
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 24, 2020 15:19 IST2020-06-24T15:19:41+5:302020-06-24T15:19:41+5:30
लद्दाख सीमा पर बने तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे आज एलएसी पर तैनात जवानों के बीच पहुंचे।

इस उत्साह को इसी तरह बरकरार रख दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा। (photo-ani)
जम्मूः गलवान वैली में चीनी सैनिकों को मात देने वाले सैनिकों का सीना उस समय चौड़ा हुआ जब उन्होंने सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को अपने बीच पाया। सेनाध्यक्ष के मुंह से तारीफ के बोल सुन घायल जवान जल्द से ठीक होकर एक बार फिर मोर्चे पर जा डटने को उतावले हैं।
जबकि सेनाध्यक्ष ने उन सभी को स्पष्ट कर दिया कि दुश्मन के साथ मुकाबले को उन्हें हर समय तैयार रहना होगा क्योंकि उनकी नजर में लद्दाख के मोर्चे पर हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं। लद्दाख सीमा पर बने तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे आज एलएसी पर तैनात जवानों के बीच पहुंचे।
तैनात जवानों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें
उन्होंने गलवान वैली में तैनात जवानों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें। इसी को ध्यान में रखते हुए वह तैयारियां करें। उन्होंने इस दौरान एलएसी पर की गई तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के उच्च मनोबल की प्रशंसा करते हुए उन्हें इसी उत्साह के साथ दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा।
उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि उनके साहस और बहादुरी का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने इस उत्साह को इसी तरह बरकरार रख दुश्मन के सामने डटकर रहने को कहा। यही नहीं उन्होंने जवानों से किसी भी स्थिति का सामना करने को भी तैयार रहने के लिए कहा। वहीं सेना प्रमुख को अपने बीच पाकर जवानों का उत्साह और बढ़ गया।
सेना प्रमुख ने इस दौरान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ लड़ने वाले सैनिकों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए। थलसेना प्रमुख गत मंगलवार को लद्दाख पहुंचे थे। कल पूरा दिन वह लेह में ही रहे। यहां उन्होंने सेना के फील्ड अधिकारियों से बैठक की और गलवान वैली में चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में घायल हुए वीर जवानों से अस्पताल में जाकर मुलाकात कर बहादुरी के लिए उनकी पीठ भी थपथपाई।
