सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की मुलाकात, लद्दाख के जमीनी हालात की दी जानकारी
By सुमित राय | Published: June 26, 2020 02:52 PM2020-06-26T14:52:36+5:302020-06-26T17:56:25+5:30
सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने दो दिनों के लद्दाख दौरे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शुक्रवार को मुलाकात कर लद्दाख के जमीनी हालात की जानकारी दी।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चल रहे सीमा विवाद के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सेना प्रमुख ने राजनाथ सिंह से लद्दाख के जमीनी हालात की जानकारी दी।
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर गए थे और LAC के पास फॉरवर्ड लोकेशन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने गलवान घाटी में घायल हुए जवानों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी और उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया था।
लद्दाख में 15 जून को शहीद हुए थे 20 भारतीय जवान
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए।
मई के शुरू से एलएसी पर सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा चीन
भारत ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए बीजिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि चीन मई के शुरू से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा है और चीनी बलों का आचरण पारस्परिक सहमति वाले नियमों के प्रति पूर्ण अनादर का रहा है।
Army Chief General Manoj Mukund Naravane today met Defence Minister Rajnath Singh and briefed him about the ground situation in Ladakh sector. The Army Chief was on a two-day visit to Eastern Ladakh and visited forward locations near the Line of Actual Control (LAC). (file pics) pic.twitter.com/WVK1F7Dslk
— ANI (@ANI) June 26, 2020
चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर क्या विवाद है?
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।
क्या है भारत और चीन के बीच लद्दाख में ताजा विवाद
बता दें कि चीन द्वारा पैंगोंग सो इलाके के फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का तीखा विरोध मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह है। इसके अलावा चीन द्वारा गलवान घाटी में दरबुक-शायोग-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक सड़क के निर्माण के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी सीमावर्ती आधारभूत परियोजनाओं को नहीं रोकेगा।
5 मई से लद्दाख में जारी है भारत-चीन के बीच तनाव
लद्दाख में वास्तवित नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे कुछ क्षेत्रों में चीन के साथ बीते 5 मई से तनाव की स्थिति शुरू हुई थी। पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाकू ला में भी भारतीय सैनिक के साथ उलझ गए थे। उस झड़प में दोनों ओर से करीब 10 सैनिकों को चोटें आई थीं। इसके बाद 15 जून को झड़प हिंसक हो गई और 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।