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शस्त्र लाइसेंस मामला: सीबीआई ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पूर्व सलाहकार के आवास पर मारा छापा

By भाषा | Updated: October 12, 2021 20:12 IST

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श्रीनगर, 12 अक्टूबर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार के पद से असमय हटाए जाने के एक हफ्ते बाद सीबीआई ने पूर्ववर्ती राज्य में फर्जी पतों और जाली दस्तावेजों पर शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने के मामले में मंगलवार को बशीर अहमद खान के आवास तथा दो अन्य सेवारत आईएएस अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने श्रीनगर, अनंतनाग, बनिहाल, बारामूला, जम्मू, डोडा, राजौरी, किश्तवाड़ (जम्मू कश्मीर), लेह, दिल्ली और भिंड (मध्य प्रदेश) समेत करीब 41 स्थानों पर छापेमारी की।

तलाशी में जिलाधिकारी के तौर पर पदस्थ रहे आईएएस और कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) के करीब 14 सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के अधिकारिक और आवासीय परिसर शामिल थे।

प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को हुई छापेमारी के दौरान बंदूक की दुकानों और डीलरों के अलावा निजी तौर पर काम करने वाले पांच अन्य लोगों के ठिकाने भी शामिल थे जिन्होंने बिचौलिये या एजेंट के तौर पर काम किया।

इससे हथियार लाइसेंस जारी करने संबंधी “आपत्तिजनक दस्तावेजों”, लाभार्थियों की सूची, सावधि जमा में निवेश की रसीदों के अलावा अन्य संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए।

सीबीआई ने संपत्ति के दस्तावेज, बैंक खातों का विवरण, लॉकर की चाभी, आपत्तिजनक विवरण युक्त डायरी, शस्त्र लाइसेंस रजिस्टर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और मोबाइल फोन तथा पुराने नोटों समेत कुछ नकदी भी बरामद की है।

सीबीआई ने जम्मू कश्मीर सरकार के अनुरोध पर दो मामले पंजीकृत किए थे। सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य में 2012 से 2016 के दौरान कथित तौर पर भारी संख्या में शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का आरोप लगाया था।

आरोप है कि अपात्र व्यक्तियों को 2.78 लाख से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस जारी किये गए। सीबीआई द्वारा जुटाए गए दस्तावेज कथित तौर पर संकेत देते हैं कि इस तरह से हथियारों के लाइसेंस जारी करने का काम जम्मू कश्मीर के 22 जिलों में हुआ।

जांच के दौरान एजेंसी को खान की भूमिका का संकेत देने वाले साक्ष्य मिले थे। खान को पहले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू का सलाहकार बनाया गया था और बाद में उन्होंने मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भी सेवाएं दी थीं।

खान को अपने कार्यकाल के दौरान काफी समय तक उपराज्यपाल के प्रशासन का पूर्ण समर्थन प्राप्त था। उनके अधीन पर्यटन सहित सभी महत्वपूर्ण विभाग थे। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर पांच अक्टूबर को उन्हें अनौपचारिक रूप से पद से हटा दिया गया था।

खान के अलावा जल शक्ति के आयुक्त सचिव एम राजू के आवास की भी तलाशी ली गई। राजू 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। जिस कालावधि की जांच की जा रही है उस दौरान वह कारगिल के उपायुक्त थे।

एजेंसी ने 2010 बैच के आईएएस अधिकारी प्रसूना रामास्वामी जी के घर पर भी छापेमारी की। वह फिलहाल निदेशक जनगणना हैं।

अब सेवानिवृत्त प्रोन्नत आईएएस अधिकारी सज्जाद अहमद खान के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई क्योंकि वह उक्त अवधि के दौरान पुंछ के जिलाधिकारी थे।

सीबीआई ने केएएस अधिकारी निसार अहमद वानी, एम एच मलिक, फारूक अहमद खान (सेवानिवृत्त) और बशीर अहमद के ठिकानों पर भी छापेमारी की।

राजौरी के जिला सूचना अधिकारी रहे संजय पुरी के आवास पर भी छापा मारा गया।

सीबीआई ने कहा कि दस्तावेजों की जांच और अन्वेषण के दौरान कुछ बंदूक-व्यापारियों की भूमिका पाई गई जिन्होंने सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर अपात्र व्यक्तियों को इस तरह के अवैध हथियार लाइसेंस जारी किए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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