नयी दिल्ली, नौ नवंबर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रमुख न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि उकसाने की कार्रवाई और पथराव जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी सशस्त्र बलों ने राष्ट्र की बेहतरीन सेवा की है।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल उन आतंकवादियों की तरह तरकीबें नहीं अपना सकते, जो अपना बचाव करने के लिए आम लोगों की जीवन में खतरे में डालते हैं।
वह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए एनएचआरसी एवं असम राइफल्स की ओर से आयोजित वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मिश्रा ने कहा कि अगर हालात की मांग हो तो बल के समुचित प्रयोग के लिए संतुलन की जरूरत है, लेकिन फर्जी मुठभेड़ और त्वरित न्याय के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि दोषी को सजा दिलाने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का अनुसरण होना चाहिए।
इस मौके पर असम राइफल्स के एडीजी मेजर जनरल डीके सिंह ने कहा कि मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति में काम करते हैं।
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