शीर्ष अदालत ने ट्रांजिट जमानत से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: October 29, 2021 16:31 IST2021-10-29T16:31:32+5:302021-10-29T16:31:32+5:30

शीर्ष अदालत ने ट्रांजिट जमानत से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की
नयी दिल्ली,29 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने दुबई निवासी एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी, जिसने उन्हें ट्रांजिट जमानत देने से इनकार करने के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। इस व्यक्ति के खिलाफ 2014 में दर्ज प्राथमिकी पर आपराधिक कार्यवाही राजस्थान में लंबित है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ तीन बार स्थगित किया गया, लेकिन अवसर दिये जाने के बावजूद व्यक्ति ने आत्मसमर्पण नहीं किया।
पीठ ने कहा, ‘‘आपमें ऐसा क्या खास है कि आपको बुलाने और आत्मसमर्पण कराने की जरूरत पड़े।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘हम उनसे (अधिकारियों से) आपको एक विशेष उड़ान से लाने और शानदार इंतजाम करने के लिए कहेंगे।’’
पीठ ने कहा कि मामले में उन्हें आना होगा और आत्मसमर्पण करना होगा।
इस व्यक्ति ने याचिका में राजस्थान उच्च न्यायालय के अगस्त के एक आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) सहित विभिन्न धाराओं के तहत कथित अपराध को लेकर नागौर जिले में 2014 में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में ट्रांजिट जमानत का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल 2000 से दुबई में है और उन्होंने गिरफ्तारी वारंट पर अमल निलंबित करने का अनुरोध किया ताकि वह आकर आत्मसमर्पण कर सके।
पीठ ने कहा, ‘‘वारंट की तामील रोकने का कोई सवाल ही नहीं है। आपको आना होगा और आत्मसमर्पण करना होगा तथा जमानत लेनी होगी।
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