दिल्ली: प्रेग्नेंट हो चुकी महिलाएं नहीं दान कर सकती हैं प्लाज्मा, डॉक्टरों की टीम ने बताया कारण

By भाषा | Published: July 4, 2020 05:42 AM2020-07-04T05:42:13+5:302020-07-04T05:42:13+5:30

दिल्ली के मुंख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को भारत के पहले प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन किया था और अब प्लाज्मा दान करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किया गया है।

Anyone who has ever been pregnant can’t donate plasma, says ILBS director | दिल्ली: प्रेग्नेंट हो चुकी महिलाएं नहीं दान कर सकती हैं प्लाज्मा, डॉक्टरों की टीम ने बताया कारण

प्रेग्नेंट हो चुकी महिलाएं प्लाज्मा दान नहीं कर सकती हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमहिलाएं जो गर्भधारण कर चुकी हैं अथवा शिशु को जन्म दे चुकी हैं वे अपना प्लाज्मा दान नहीं कर सकतीं हैं।क्योंकि हो सकता है कि गर्भावस्था के दौरान उनमें एक खास प्रकार के एंटीबॉडी विकसित हो गए हों।कौन अपना प्लाज्मा दान कर सकता है और कौन नहीं, इस संबंध में कड़े दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

नई दिल्ली। ऐसी महिलाएं जो गर्भधारण कर चुकी हैं अथवा शिशु को जन्म दे चुकी हैं वे अपना प्लाज्मा दान नहीं कर सकतीं हैं क्योंकि हो सकता है कि गर्भावस्था के दौरान उनमें एक खास प्रकार के एंटीबॉडी विकसित हो गए हों और कुछ मामलों में वे प्लाज्मा प्राप्तकर्ताओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंसेज में भारत के पहले प्लाज्मा बैंक का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। वर्तमान में कौन अपना प्लाज्मा दान कर सकता है और कौन नहीं, इस संबंध में कड़े दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

कौन दान कर सकता है प्लाज्मा

पात्र दानकर्ताओं के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार 18-60 आयु वर्ष के ऐसे लोग जो कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो गए हैं और जिनमें 14 दिन तक संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हों, वे प्लाज्मा दान कर सकते हैं।

कौन नहीं दान कर सकता प्लाज्मा

ऐसे लोग जिनका वजन 50 किलोग्राम से कम है, गर्भधारण कर चुकी महिलाएं, कैंसर पीड़ित और गुर्दे, हृदय, फेफड़े या यकृत के रोग से पीड़ित लोग प्लाज्मा दान नहीं कर सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि गर्भधारण कर चुकी महिलाएं प्लाज्मा दान क्यों नहीं कर सकतीं, आईएलबीएस के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि महिलाएं गर्भावस्था और शिशु को जन्म देते वक्त जब शिशु के रक्त के संपर्क में आती हैं तो हो सकता है कि उनमें ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजीन्स (एचएलए) एंटीबॉडीज़ बन गए हों, जो कि श्वेत रक्त कणिकाओं(सतहों) पर एंटीजीन्स के खिलाफ निर्देशित हैं।

किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भी प्लाज्मा दान नहीं कर सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भी प्लाज्मा दान नहीं कर सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बाहरी तत्व के खिलाफ माता का रोग प्रतिरोधी तंत्र बनाता है एंटीबॉडीज

चिकित्सक ने कहा,‘‘ ऐसा होता है क्योंकि भ्रूण में पिता के भी आनुवंशिक घटक होते हैं तो इस बाहरी तत्व के खिलाफ माता का रोग प्रतिरोधी तंत्र एंटीबॉडीज बनाता है।’’ विशेषज्ञों के अनुसार किसी स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में एचएलए एंटीबॉडीज की मौजूदगी स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं पैदा करता। लेकिन जब एचएलए एंटीबॉडीज वाला प्लाज्मा चढ़ाया जाता है तो दुर्लभ मामलों में यह उस व्यक्ति में टीआरएएलआई रिएक्शन कर सकता है।

टीआरएएलआई (चढ़ाने से जुड़ी फेफडे की चोट) एक जटिलता है

विशेषज्ञों का कहना है कि टीआरएएलआई (चढ़ाने से जुड़ी फेफडे की चोट) एक जटिलता है जिसमें सांस लेने में बेहद दिक्कत, बुखार होना और कम रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि या तो गर्भधारण कर चुकी महिलाएं दान नहीं कर सकतीं (अगर उनकी जांच नहीं हुई है) अथवा हमें एचएलए एंडीबॉडीज की मौजूदगी का पता लगाने के लिए प्लाज्मा की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एचएलए एंडीबॉडीज पाए जाते हैं तो प्लाज्मा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

Web Title: Anyone who has ever been pregnant can’t donate plasma, says ILBS director

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