जीएनसीटीडी अधिनियम रद्द करने की मांग वाली याचिका पर उपराज्यपाल के कार्यालय, केन्द्र से जवाब तलब

By भाषा | Updated: May 18, 2021 13:55 IST2021-05-18T13:55:14+5:302021-05-18T13:55:14+5:30

Answer from the Lieutenant Governor's Office, Center on petition seeking cancellation of GNCTD Act | जीएनसीटीडी अधिनियम रद्द करने की मांग वाली याचिका पर उपराज्यपाल के कार्यालय, केन्द्र से जवाब तलब

जीएनसीटीडी अधिनियम रद्द करने की मांग वाली याचिका पर उपराज्यपाल के कार्यालय, केन्द्र से जवाब तलब

नयी दिल्ली, 18 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधित अधिनियम को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर मंगलवार को उपराज्यपाल के कार्यालय और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किये।

यह संशोधित अधिनियम उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाता है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की एक पीठ ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय और उप राज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी किये और उन्हें अपना रुख स्पष्ट करने को निर्देश दिया। इस कानून की संवैधानिकता को एक वकील ने चुनौती दी है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष के. त्रिपाठी ने कहा कि याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें निर्वाचित सरकार को पक्ष नहीं बनाया गया है।

याचिकाकर्ता वकील ने दलील दी कि उपराज्यपाल को सभी शक्तियां देना ‘‘ सरकार की गणतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं होगा।’’

याचिका में कहा गया कि उपराज्यपाल के पास पहले ही ‘‘ भूमि, पुलिस और सेवाआं से जुड़े मामलों पर फैसला लेने का अधिकार’’ है और इस नए जीएनसीटीडी संशोधित अधिनियम से दिल्ली विधासनसभा में पारित सभी कानूनों पर उनका अधिकार होगा।

याचिका में संशोधित अधिनियम को असंवैधानिक ठहराने और उसे रद्द करने की मांग की गई है।

यह कानून इस साल 27 अप्रैल को अमल में आया था।

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Web Title: Answer from the Lieutenant Governor's Office, Center on petition seeking cancellation of GNCTD Act

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