कंप्यूटर बाबा को महंगी गाड़ी देने वाले बदमाश का एक और अवैध निर्माण जमींदोज

By भाषा | Updated: December 2, 2020 16:46 IST2020-12-02T16:46:27+5:302020-12-02T16:46:27+5:30

Another illegal manufacture of crooks who give expensive car to Computer Baba | कंप्यूटर बाबा को महंगी गाड़ी देने वाले बदमाश का एक और अवैध निर्माण जमींदोज

कंप्यूटर बाबा को महंगी गाड़ी देने वाले बदमाश का एक और अवैध निर्माण जमींदोज

इंदौर (मध्यप्रदेश), दो दिसंबर विवादास्पद धार्मिक नेता कंप्यूटर बाबा को महंगी चार पहिया गाड़ी मुहैया कराने वाले हिस्ट्रीशीटर का एक और अवैध निर्माण स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को ढहा दिया।

इंदौर नगर निगम के भवन निरीक्षक नागेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया, “हिस्ट्रीशीटर रमेश तोमर ने अपनी पत्नी के नाम पर इदरीस नगर में करीब 2,500 वर्ग फुट पर अवैध रूप से दो मंजिला मकान बना रखा था। हमने इस मकान को ढहा दिया।”

उन्होंने बताया कि मूसाखेड़ी क्षेत्र में तोमर के कुल 15,000 वर्ग फुट में फैले अन्य अवैध निर्माण और अतिक्रमण 17 नवंबर को हटाए जा चुके हैं। इनमें चार पक्के निर्माण और दो खाली भूखंड शामिल हैं।

भदौरिया ने बताया, “तोमर ने बगीचे की सरकारी जमीन पर भी अवैध कब्जा कर रखा था। हम इसे भी हटा चुके हैं।”

प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में आठ नवंबर को नामदेव दास त्यागी (कंप्यूटर बाबा का असली नाम) के अवैध आश्रम को ढहाया गया था। तब वहां से एक एसयूवी जब्त की गई थी।

उन्होंने बताया कि त्यागी इस महंगी गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। हालांकि, यह गाड़ी परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर रमेश तोमर के नाम पर दर्ज है। तोमर के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जबरिया वसूली, मारपीट और अन्य आरोपों में कुल 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आश्रम ढहाए जाने के दौरान कंप्यूटर बाबा को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत केंद्रीय जेल भेज दिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के बाद कंप्यूटर बाबा के खिलाफ शहर के दो पुलिस थानों में तीन आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए थे। ये मामले अलग-अलग लोगों से गाली-गलौज और मारपीट करते हुए उन्हें हथियार दिखाकर धमकाए जाने के आरोपों से जुड़े हैं।

इन मामलों में जमानत अर्जियां मंजूर होने के बाद कंप्यूटर बाबा को 19 नवंबर को केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया था।

गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा को प्रदेश की भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों ने अलग-अलग निकायों में शामिल करते हुए राज्य मंत्री के दर्जे से नवाजा था। ये निकाय नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों की हिफाजत के साथ ही जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता फैलाने के लिए गठित किए गए थे।

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Web Title: Another illegal manufacture of crooks who give expensive car to Computer Baba

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