जयपुर, चार मार्च राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2021-22 के बजट में की गयी घोषणाओं को पूरा किया जाएगा और सरकार बजट घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन को गंभीरता से लेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
गहलोत के पास वित्त विभाग भी है। वह राजस्थान विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में जो वादे किए गए हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। जिस रूप में हमने बजट पेश किया है और जो घोषणाएं की वह राजस्थान के हितों को देखते हुए की गयी हैं।’’
विपक्ष के बजट में आंकड़ेबाजी के आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘आप निश्चिंत रहे जो कहा है वह पहले भी कर दिखाया है, और अब भी कर दिखाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना से उपजे वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार ने शानदार प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘बजट घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए काम शुरू कर दिया गया है। विभागों से बजट के प्रस्तावों को श्रेणीबद्ध करने को कहा गया है और हम खुद निगरानी करेंगे।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘कोरोना से उपजे संकट के बीच वित्तीय संकट है इसमें कोई दो राय नहीं है। इसका असर केंद्र और राज्य सरकारों पर पड़ा है लेकिन इसके बावजूद हमारे यहां जो प्रबंधन किया जा रहा है वह बहुत शानदार है।’’
उन्होंने 24 फरवरी को राज्य का पहला 'कागज रहित' बजट पेश करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है बल्कि विभिन्न मदों में 910 करोड़ रुपये की रियायतें दी हैं।
चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने केंद्र सरकार पर केंद्र के सहयोग से चलने वाली विभिन्न योजनाओं के ढांचे को तोड़ने मरोड़ने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों के संसाधन सीमित होने के बावजूद केंद्रीय करों में उनका हिस्सा नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने 2020-21 के बजट में केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में बिना किसी कारण के 14000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी, जीएसटी में 5500 करोड़ रुपये की कटौती की गयी। इसी तरह अब 2021-22 में भी हमें केंद्रीय करों के हिस्से में 12000 करोड़ रुपये की कटौती को कहा गया है और जीएसटी वाले हिस्से का पता नहीं क्या होगा।’’
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार कर प्रक्रिया को सरल करेगी तथा कर आधार को बढाया जाएगा ताकि अधिकाधिक संसाधन जुटाने का प्रयास किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने भाजपा के एक विधायक द्वारा सदन में ‘हिटलर’ शब्द का जिक्र किए जाने को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होने कहा, ‘‘हिटलर तक बात आ गयी। बताइए अब हम हिटलर हैं? हिटलरशाही कहां चल रही है राजस्थान में या दिल्ली में?... हिटलरवाद का तांडव हो रहा है देश में ... सीआईबी, ईडी, आयकर चुनाव आयोग कोई बाकी बचा है क्या ?'
नोटबंदी, जीएसटी और किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि आज जनता की दुर्गती हो रही है लेकिन कोई सोचने वाला नहीं है। उन्होंने अमेरिकी अखबार 'द वाशिंगटन पोस्ट' में छपे एक आलेख के अंश भी सदन में पढ़े जिसमें ‘‘केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल में डालने को लेकर चिंता जताई गयी है।’’
इससे पहले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बजट की घोषणाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोगों को खुश रखने के लिए आंकड़ेबाजी की गयी है।
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