आंध्र प्रदेश सरकार ने सरकारी आदेशों को ऑनलाइन जारी करने की प्रणाली समाप्त कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव (राजनीतिक) आर वी राजू की ओर से सभी विभागों को भेजे गए परिपत्र में कहा गया कि वेबसाइट से जारी होने वाली संख्या की प्रणाली को समाप्त किया जाता है। वहीं, दूसरे परिपत्र में राजू ने विभागों को सरकारी आदेशों की तीन श्रृंखला के लिए तीन पंजीयक बनाए जाने के भी निर्देश दिए। राजू मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव भी हैं। सरकारी आदेशों को ऑनलाइन जारी करने की प्रणाली की शुरुआत 1990 के दशक के अंत में अविभाजित आंध्र प्रदेश की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने की थी। इसके बाद वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार कानून लागू होने के बाद वाई एस राजशेखर रेड्डी की सरकार ने वर्ष 2008 में इसका बड़े स्तर पर कार्यान्वयन किया और प्रशासन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी आदेशों को ऑनलाइन जारी करने की शुरुआत की थी। बाद की सरकारों ने भी इस पहल को बरकरार रखा था। हालांकि, राज्य सरकार ने अब इस प्रणाली को समाप्त कर दिया है। इस कदम के पीछे केंद्र सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों के नियमों का हवाला दिया गया है। वहीं, केंद्र के साथ काम कर चुके एक मुख्य सचिव ने कहा, '' यह पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण नोट है। भारत सरकार केवल अधिसूचना और राजपत्र जारी करती है, आदेश नहीं, और वे सभी ऑनलाइन जारी किए जाते हैं।'' वरिष्ठ नौकरशाह ने रेखांकित किया कि ऐसा कोई सचिवालय मैन्युअल या व्यावसायिक नियम नहीं है जोकि सरकारी आदेशों को सार्वजनिक करने से रोकता हो। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो पिछले इतने वर्षों में जब ऐसा किया गया तो वह गैर-कानूनी हो जाएगा।
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